वेतन की मांग को लेकर हड़ताल पर बैठे बीएसएनएल कर्मचारी
बीएसएनएल में ठेके पर कार्यरत कर्मचारियों को बीते आठ माह से वेतन न मिलने से कर्मचारियों में खासा रोष व्याप्त है। जिससे क्षेत्र में बीएसएनएल की बेहतर सेवाओं का लाभ क्षेत्र के लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में संबंधित कर्मचारी ने निगम से शीघ्र वेतन देने की मांग की है। सभी कर्मचारियों ने उपायुक्त को शिकायत पत्र के माध्यम से मांग की उनकी इस समस्या का जल्द समाधान कराया जाए। नरेंद्र, नसीम, मोहन, रहीस खां, बरकत, गुस्ताक, अजय कुमार, घनश्याम शर्मा, नूरुद्दीन, संदीप, शिव अवतार, गजे¨सह,
जागरण संवाददाता, नूंह: बीएसएनएल में ठेके पर कार्यरत कर्मचारी वेतन की मांग को लेकर 24 घंटे से हड़ताल पर बैठे हैं। कर्मचारियों ने कार्यालयों का कामकाज ठप करके रखा है। इस हड़ताल में नूंह, फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना सहित अन्य ब्लॉक के कर्मचारियों ने फिरोजपुर झिरका में बीएसएनएल कार्यालय पर जमकर विभाग और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
कर्मचारियों ने बताया कि बीते आठ माह से उनका वेतन नहीं मिल पा रहा है। वेतन के लिए वे उच्चाधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। इससे पहले भी सभी कर्मचारियों ने उपायुक्त को शिकायत पत्र के माध्यम से मांग की उनकी इस समस्या का जल्द समाधान कराया जाए, लेकिन अभी तक उन्हें वेतन नहीं दिया गया है। कर्मचारी नरेंद्र, नसीम, मोहन, रहीस खां, बरकत, गुस्ताक, अजय कुमार, घनश्याम शर्मा, नूरुद्दीन, संदीप, शिव अवतार, गजे¨सह, कय्यूम, भारत, वसीम, विजय, इकबाल, इस्माईल व राकेश ने बताया कि उनको बीते आठ माह से वेतन का एक पैसा नहीं दिया गया है। वेतन नहीं मिलने के कारण वह भारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। उनके अपने परिवार का पालन-पोषण करने में काफी परेशानियां उठानी पड़ रही है। वहीं विभागीय उदासीनता के कारण इसका खामियाजा स्थानीय जनता को भुगतना पड़ रहा है। एक तरफ जहां देश में डिजिटल इंडिया की बात की जा रही है। वहीं दूरसंचार निगम के बंद होने के कारण टू जी, थ्री जी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। कर्मचारियों ने बताया कि विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार की तरफ से उन्हें नौकरी से हटाने और पुलिस में मुकदमा दर्ज कराने की धमकी भी दी जा रही है।
कर्मचारियों ने कहा कि अगर समय पर उन्हें वेतन मिलता तो उन्हें हड़ताल का रास्ता नहीं चुनना पड़ता। इसके लिए भी अधिकारी व ठेकेदार ही जिम्मेदार हैं, लेकिन अब वे अपने हक की आवाज उठाने पर उनका दमन करना चाहते हैं। इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर लोग अपनी शिकायतों को लेकर विभाग के कार्यालय पर पहुंच तो रहे हैं, लेकिन कर्मचारियों की हड़ताल के चलते उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है।