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बाल मजदूरी रोक ने में नाकामयाब साबित हो रहा प्रशासन

जागरण संवाददाता, पुन्हाना: पुन्हाना शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के जलपान की दुकानों व छोट

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Sep 2018 07:20 PM (IST)Updated: Sun, 09 Sep 2018 07:20 PM (IST)
बाल मजदूरी रोक ने में नाकामयाब साबित हो रहा प्रशासन
बाल मजदूरी रोक ने में नाकामयाब साबित हो रहा प्रशासन

जागरण संवाददाता, पुन्हाना:

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पुन्हाना शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के जलपान की दुकानों व छोटे-मोटे उद्योग-धंधे में नियम और कानून को ताक पर रखकर बाल श्रमिकों से मजदूरी कराई जा रही है। दो वक्त की रोटी के जुगाड़ में ये बाल मजदूर अपनी पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे हैं। जिससे इनका भविष्य भी नहीं संवर पा रहा है। उनकी लाचारी का दुकानदारों एवं मालिकों द्वारा जमकर फायदा उठाया जा रहा है। हालांकि इस बात की जानकारी प्रशासन एवं विभागीय अधिकारियों को भी है, लेकिन बाल मजदूरी को रोकने में प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है।

प्रशासन एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा पाने से बाल मजदूरों की संख्या बढ़ती जा रही है। अधिकारियों द्वारा कभी-कभी ही बाल मजदूरों के खिलाफ अभियान चलाया जाता है और महज कुछ समय बाद भी उन्हें छोड़कर खानापूर्ति की जाती है।

जहां इन बच्चों को मां बाप के प्यार के साए में विद्यालय में पढ़ना चाहिए वहां ये बच्चे अपने व अपने परिवार के पेट की आग बुझाने में भविष्य चौपट करने के लिए विवश हैं। बाल मजदूरी की स्थिति का जायजा लेना हो तो शहर के जमालगढ़, होडल-नगीना व जुरेहडा रोड से लेकर मैन बाजार की दुकानों व ढाबो पर लिया जा सकता है। राकेश कंसल, विकास, राम बाबू, कपिल गर्ग सहित जागरुक लोगों का कहना है कि अगर विभाग द्वारा निरंतर अभियान के तहत बाल श्रम उन्मूलन की दिशा में कारगर कदम उठाया जाता तो आज स्थिति इतनी भयावह नहीं होती। बाल मजदूरी में लगे बच्चों के परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब होती है कि मजबूरन अपना और अपने परिजनों का पेट पालने के लिए उन्हें छोटी सी उम्र में चाय की दुकानों पर झूठे बर्तन धोने से लेकर तमाम कार्य करना पड़ता है। क्षेत्र में बढ़ती हुई बाल मजदूरी को देखते हुए जल्द ही इसे रोकने के लिए अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही बच्चों से लेकर उनके अभिभावकों को भी जागरूक किया जाएगा, ताकि वो बच्चों से मजदूरी न करवाकर उन्हें पढाएं।

जितेंद्र गर्ग, एसडीएम पुन्हाना।


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