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पराली जलाने से पर्यावरण हो रहा दूषित : डा. अजीत ¨सह

जिले के किसानों को अपने खेतों में धान की पराली को जलाने से बचना चाहिए। पराली जलाने से भूमि की उर्वरक शक्ति कम होती है। साथ ही हमारा पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। वर्तमान किसान बहुत ही सजग है। इसलिए उनको इस अभियान में अपना सह

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Nov 2018 03:58 PM (IST)Updated: Thu, 08 Nov 2018 03:58 PM (IST)
पराली जलाने से पर्यावरण हो रहा दूषित : डा. अजीत ¨सह
पराली जलाने से पर्यावरण हो रहा दूषित : डा. अजीत ¨सह

जागरण संवाददाता, नूंह:

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जिले के किसानों को अपने खेतों में धान की पराली को जलाने से बचना चाहिए। पराली जलाने से भूमि की उर्वरक शक्ति कम होती है। साथ ही हमारा पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। वर्तमान किसान बहुत ही सजग है। इसलिए उनको इस अभियान में अपना सहयोग करना चाहिए।

कृषि विभाग के एसडीओ डा. अजीत ¨सह ने बताया कि पराली जलाना कानूनी अपराध है। प्रदेश सरकार ने पूर्व में किसानों को इस बारे में सूचित कर दिया है। ऐसे में पराली जलाने से किसानों को बचना चाहिए। उन्होंने बताया कि अगर किसी खेत में पराली को जलाया जाता है, तो इस बारे में किसानों को कृषि विभाग में तुरंत सूचित करना चाहिए, जिससे समय रहते लापरवाही बरतने वाले किसानों पर कार्रवाई की जा सके। विभाग द्वारा किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में गांवों में जाकर जागरूक किया जा रहा है। इसमें किसानों को अपना सहयोग करना चाहिए। पराली जलाने से हमारा वातावरण प्रदूषित हो रहा है। इसलिए किसानों को पराली जलाने से बचना चाहिए। पर्यावरण के प्रदूषित होने से स्वस्थ व्यक्ति भी कई प्रकार के रोगों का शिकार हो रहे हैं। इसलिए सभी अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझकर इस अभियान में अपना सहयोग करें। इन दिनों में सबसे अधिक प्रदूषण पराली जलाने से पैदा होता है।

डॉ. अजीत ¨सह, एसडीओ, कृषि विभाग।


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