Move to Jagran APP

आजीविका मिशन से विकास की दिशा में कदम बढ़ा रही महिलाएं

आजीविका मिशन से महिलाओं को घर के चूल्हे चौखट से बाहर निकलकर आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है। जिससे महिलाओं के जीवन में काफी परिवर्तन देखा जा रहा है। तावडू खंड के गांव राठीवास में ¨सतबर 2013 से आजीविका मिशन द्वारा स्वयं सहायता समूहों की शुरुआत की गई थी..

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Dec 2018 06:48 PM (IST)Updated: Sat, 22 Dec 2018 06:48 PM (IST)
आजीविका मिशन से विकास की दिशा में कदम बढ़ा रही महिलाएं
आजीविका मिशन से विकास की दिशा में कदम बढ़ा रही महिलाएं

अंतराम खटाना, नूंह

loksabha election banner

आजीविका मिशन से महिलाओं को घर के चूल्हे-चौखट से बाहर निकलकर आगे बढ़ने का मौका मिल रहा है। इससे महिलाओं के जीवन में काफी परिवर्तन देखा जा रहा है। तावड़ू खंड के गांव राठीवास में सिंतबर 2013 से आजीविका मिशन द्वारा स्वयं सहायता समूहों की शुरुआत की गई थी। कुछ वर्षो में ही आज गांव में महिलाओं के 28 ग्रुप बन गए हैं। इसके अलावा दो ग्राम संगठन के साथ 12 सामुदायिक कैडर बनाकर महिलाएं अपने विकास की इबादत लिख रही है, जिनके साथ गांव की लगभग चार सौ महिलाएं जुड़ी हुई है।

स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं अपने बैंकों के कार्यो के साथ बाजार के कार्यो को आसानी से कर रही है। स्वयं सहायता समूहों की 40 महिलाओं ने अपनी आजीविका को चलाने के लिए विभिन्न प्रकार की दुकानें खोल रखी है, जिनमें परचून, कास्मेटिक, कपड़ा व डेयरी अन्य कार्य किए हुए है। गांव की कई महिलाओं को जिला स्तर के साथ प्रदेश स्तर पर आजीविका मिशन के क्षेत्र में कार्य करने पर सम्मानित किया गया है। बैंकों ने 22 ग्रुपों को दिए 34 लाख :

राठीवास गांव की महिलाओं के लिए बैंकों की ओर से किसी प्रकार की राशि का अभाव नहीं है। गांव के 22 ग्रुपों की महिलाओं ने बैंकों के माध्यम से 34 लाख रुपये की राशि ली हुई है, जिससे महिलाएं अपने कामकाज को आगे बढ़ाने में लगी है। इसके अलावा गांव के स्वयं सहायता समूहों को कम्यूनिटी इन्वेस्टमेंट फंड से साढ़े नौ लाख रुपये दिए हुए है, जिससे महिलाएं अपने-अपने कार्यो से अपनी आजीविका को आगे बढ़ा रही हैं। कपड़े के थैले को दिया जा रहा बढ़ावा :

गांव की हर महिला बीते वर्षो से आजीविका मिशन के साथ जुड़कर हर छोटे से छोटे कार्य को अपनाकर अपनी आजीविका को चला रही है। हाल में गांव की दर्जनों महिलाएं अपने घर पर कपड़े के थैले बनाकर गुरुग्राम सहित राजस्थान के भिवाड़ी में सप्लाई कर रही है। वहीं जिला प्रशासन ने हाल ही में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के दर्जनों बच्चों को कौशल विकास के तहत प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पूर्व में हमें अपने घर को चलाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। लेकिन आज हम सभी महिलाएं अपने कार्यो को आसानी से कर रही है। जिससे बहुत खुशी मिलती है।

पूनम, प्रधान राधा स्वयं सहायता समूह, राठीवास। आज गांव की महिलाओं की ¨जदगी में बड़े स्तर पर बदलाव हो रहा है। पूर्व में हमें अपने हर कार्य के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता था। आज सभी अपने कार्य कर आगे बढ़ रही है।

रेखा, अध्यक्ष गगन स्वयं सहायता समूह राठीवास। जिले में हजारों ग्रुपों के साथ महिलाएं जुड़ी हुई हैं। जो कभी महिला घर से बाहर नहीं निकलती थी। वह महिलाएं आज आगे बढ़कर अपने व समाज के विकास में योगदान दे रही है।

अब्दुल रब असरी, जिला प्रबंधक आजीविका मिशन। निश्चित तौर पर स्वयं सहायता समूह महिलाओं को आगे बढ़ाने में बहुत ही उपयोगी साबित हो रहे हैं। बीते दिनों से जिले की महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के साथ जोड़ा जा रहा है। हम लगातार महिलाओं को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।

पंकज कुमार, उपायुक्त, नूंह।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.