जिले में सामने आ रहे हैं बाल विवाह के मामले
प्रशासन की लाख सख्ती के बाद जिले में बाल-विवाह के मामले कम नहीं हो रहे है। आए दिन किसी ना किसी जगह से बाल विवाह की शिकायतें आती रहती है। ऐसे में संबंधित विभाग की समझबूझ से नाबालिगों को बाल-विवाह के बंधन में बधने से बचाया जाता है। बीते दिनों महिला संरक्षण कम बाल विवाह निषेध अधिकारी ने
- बाल विवाह की शिकायत टोल फ्री नंबर 1098 पर करें
- तीन गांवों में तीन बाल विवाह के मामलों को रुकवाया जागरण संवाददाता, नूंह : प्रशासन की लाख सख्ती के बावजूद जिले में बाल-विवाह के मामले कम नहीं हो रहे है। आए दिन किसी ना किसी जगह से बाल विवाह की शिकायतें आती रहती है। ऐसे में संबंधित विभाग की समझबूझ से नाबालिगों को बाल-विवाह के बंधन में बंधने से बचाया जाता है। बीते दिनों महिला संरक्षण कम बाल विवाह निषेध अधिकारी ने गांव नगीना, पुन्हाना व नूंह क्षेत्र में कई नाबालिगों की शादी को रुकवाया।
कुछ लोग आज भी बाल-विवाह जैसे कार्य करवाने में लगे हैं, लेकिन समय पर विभाग द्वारा जांच करने पर कई नाबालिगों को बाल-विवाह की जंजीरों में फंसने से बचा लिया जाता है। महिला संरक्षण कम बाल-विवाह निषेध अधिकारी मधु जैन ने बताया कि बाल विवाह समाज पर एक बहुत बड़ा बोझ है, जिसके तले आज युवा दब रहे है।
उन्होंने कहा कि बाल-विवाह होने से युवाओं को विकास रुक जाता है। इस बात को लोग नहीं समझ रहे हैं। उन्होंने बताया कि शादी के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष व लड़के की उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए। अगर इस उम्र से कम के युवाओं को कोई विवाह बंधन में बांधता है तो वह कानूनी अपराध है। ऐसे में बाल-विवाह कराने वालों के खिलाफ लोग शिकायत दे सकते हैं। इसके लिए 1098 टोल फ्री नंबर पर भी काल की जा सकती है। शिकायत करने वाले का नाम गुप्त रखा जाता है। वहीं जो बाल-विवाह जैसे कार्य को करता है उसके खिलाफ वह कार्रवाई की जाती है। बाल विवाह के कारण युवाओं का विकास रुक जाता है। इसलिए इस बुराई को समाज से मिटाने में लोगों को हमारा सहयोग करना चाहिए। सभी की समझ-बूझ से समाज में एक बदलाव किया जा सकता है।
- मधु जैन, महिला संरक्षण कम बाल-विवाह निषेध अधिकारी
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