जिले को नए साल में मिलेगी 19 स्कूलों की सौगात
प्रवीन चौधरी, नूंह जिले को नए साल में 19 स्कूलों की सौगात मिलेगी। जिले की शिक्षा व्यवस्था को सु
प्रवीन चौधरी, नूंह
जिले को नए साल में 19 स्कूलों की सौगात मिलेगी। जिले की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सरकार का एक बेहतर कदम है। इससे जहां एक ओर जिले की शिक्षा व्यवस्था को पंख लगेंगे वहीं दूसरी ओर ग्रामीण स्तर पर ड्रापआउट बच्चों की संख्या में भी कमी आएगी। इन 19 स्कूलों की शिक्षा विभाग के अधिकारी सर्वे रिपोर्ट भी तैयार कर चुके हैं। जिसे शिक्षा विभाग के अधिकारी उच्च अधिकारियों के पास भी भेज चुके हैं। उच्च अधिकारियों के अप्रूवल आने के बाद जिले में इन स्कूलों के निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।
बता दें, कि नूंह जिले में मुख्यमंत्री के आदेशों को सिरे चढ़ाने में शिक्षा विभाग जुट गया है। पिछले माह मुख्यमंत्री ने अपने नूंह दौरे पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों से जिले में 19 स्कूल बनाने की पूरी जानकारी ली। उस समय विभागीय अधिकारी जमीनी रिपोर्ट तैयार कर रहे थे। मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद विभागीय अधिकारियों ने स्कूलों के लिए जमीन की रिपोर्ट तैयार कर भेज दी है।
यहां बनेंगे स्कूल :
पूरे जिले के पांच ब्लॉकों में 19 स्कूल बनने हैं। जिसमें फिरोजपुर झिरका के चंद्रूकाबास, बुधुबास, घटवासन, सीरसबास, लठमरबास, मालीबास, लटूरबास, कालूबास, खेड़ाबास, नगीना के दौलताबास, परोरीबास, बांदरबास, पुन्हाना के समशाबाद खेंचतान, तावडू के सैनिका, मासिट, इंदिरा कॉलोनी, पीपाका कॉलोनी व नूंह के उलेटा नंगला मेव गांव में शिक्षा विभाग द्वारा नए स्कूल बनाए जाएंगे। इन गांवों व कॉलोनियों की शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बच्चों से लेकर जमीन की सर्वे रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेज दी है।
ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था होगी मजबूत :
शिक्षा विभाग द्वारा बनाए जा रहे इन 19 स्कूलों में से ज्यादातर स्कूल गांवों में बनेंगे। ऐसे में साफ तौर पर ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी। वहीं दूसरी ओर ये स्कूल ऐसे गांवों में बनाए जा रहे हैं जहां से दूसरे सरकारी स्कूल काफी दूरी पर स्थित थे। ऐसे में स्कूलों में लगातार ड्रापआउट बच्चों की संख्या में भी इजाफा हो रहा था। लेकिन स्कूल बनने के बाद काफी हद तक गांवों में पढ़ाई का स्तर सुधरेगा और बच्चों को सहूलियत भी मिलेगी।
एक पहलू ये भी :
नए साल में जिले को 19 स्कूलों की सौगात जरूर मिलने वाली है। लेकिन इसका एक दुखद पहलू यह भी है कि इन स्कूलों में स्टाफ कहां से आएगा। जिले में फिलहाल हालात ये हैं कि यहां के ज्यादातर प्राइमरी स्कूल तो एक अध्यापक के सहारे ही चल रहे हैं। ऐसे में मिडिल और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों की बात करना तो दूर है। सरकार ने जिले को स्कूलों की सौगात तो दे दी, लेकिन यहां पर मौजूदा स्टाफ की स्थिति पर भी ध्यान दिया जाना जरूरी है।
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जिले को नए साल में 19 स्कूलों का तोहफा मिलने की उम्मीद है। हमने सर्वे रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेज दी है। विभागीय अधिकारियों को अप्रूवल आते ही स्कूलों के निर्माण की दिशा में काम भी शुरू कर दिया जाएगा। सरकार का यह एक बेहतर कदम है। इससे जिले की शिक्षा व्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।
डॉ. दिनेश शास्त्री, जिला शिक्षा अधिकारी।