क्षेत्र में सर्दी का दिखने लगा असर
दीपावली के दिन से ही ठंडक महसूस होने लगी है। अब जैसे-जैसे शाम ढलती है वैसे-वैसे ठंड भी बढ़ने लगी है। रातें रजाइयों और कंबल में कट रही हैं तो सुबह शाम चौक-चौराहों पर लोग आग जलाकर अपने आपको गर्म करने लगे हैं।
संवाद सहयोगी,कनीना: दीपावली के दिन से ही ठंडक महसूस होने लगी है। अब जैसे-जैसे शाम ढलती है वैसे-वैसे ठंड भी बढ़ने लगी है। रातें रजाइयों और कंबल में कट रही हैं तो सुबह शाम चौक-चौराहों पर लोग आग जलाकर अपने आपको गर्म करने लगे हैं।
इस मौसम में पहली बार क्षेत्र के लोग अलाव पर लोग हाथ सेंकते देखे गए। अमूमन इन दिनों में गर्म कपड़ों की मांग बढ़ जाती है। चूंकि, स्कूल और कालेज के बच्चों को गर्म कपड़े की जरूरत होती है।
15 नवंबर से देव उठावनी एकादशी पर विवाह शादी ब्याह शुरू हो जाता है ऐसे में विशेषकर आधुनिक गर्म कपड़ों की मांग भी बढ़ने लगी है। ऐसे में सिले सिलाए वस्त्रों कपड़ों की नित्य दिन नई दुकानें भी खुलने लगी है। स्थानीय दुकानदार महेंद्र कुमार बताते हैं कि शहर के साथ गांव के बच्चे भी डिजाइनदार गर्म कपड़ों की मांग करते हैं इसलिए दिल्ली से इस प्रकार के कपड़े मंगाने पड़ रहे हैं। अगले सप्ताह से शादियां भी शुरू हो जाएगी इसलिए कपड़े सिलाने के लिए बेहतर कारिदा भी रखने पड़ रहे हैं। डाक्टर वेदप्रकाश बताते हैं कि सर्दी के मौसम में छोटे बच्चों में ठंड जल्दी लगती है। इन्हें निमोनिया तक हो जाता है। इसलिए छोटे बच्चों को कपड़े पहना कर सुलाना चाहिए। वैद्य बालकिशन शर्मा बताते हैं कि सर्दी से बुजुर्गों को भी बचाना जरूरी होता है। सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। वैद्य हरिकिशन बताते हैं कि बुजुर्गों को दिन के समय धूप में बैठाना चाहिए। पीने के लिए गर्म पानी का प्रयोग करना चाहिए।