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रात 12 बजे की जगह 6 बजे ही थमे रोडवेज के पहिए

जागरण संवाददाता, नारनौल : रोडवेज बेडे में 700 निजी बसें शामिल करने व नए रोडवेज रोड सेफ्टी कानून के विरोध में हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियन संबंधित महासंघ एवं सर्व कर्मचारी संघ के आह्वान पर मंगलवार को रोडवेज कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। रोडवेज की हड़ताल बुधवार को शुरू होनी थी लेकिन कर्मचारियों ने मंगलवार को शाम के छह बजे ही हड़ताल का बिगुल बजा दिया। कर्मचारियों ने शाम को ही रूट बंद कर दिए व प्रदेश सरकार व परिवहन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मंगलवार शाम से ही रोडवेज कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गई है। हड़ताल के चलते बस स्टैंड को पुलिस प्रशासन ने पूरी तरह से अपनी कस्टड़ी में ले लिया। वहीं दैनिक यात्रियों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Sep 2018 07:32 PM (IST)Updated: Tue, 04 Sep 2018 07:32 PM (IST)
रात 12 बजे की जगह 6 बजे ही थमे रोडवेज के पहिए
रात 12 बजे की जगह 6 बजे ही थमे रोडवेज के पहिए

जागरण संवाददाता, नारनौल :

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हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियन संबंधित महासंघ एवं सर्व कर्मचारी संघ के आह्वान पर मंगलवार को रोडवेज कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। हालांकि हड़ताल मंगलवार रात बारह बजे से की जानी थी, लेकिन रोडवेज कर्मचारियों ने शाम छह बजे ही हड़ताल का बिगुल बजा दिया। कर्मचारियों ने शाम को ही रूट बंद कर दिए व प्रदेश सरकार व परिवहन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। रोडवेज कर्मचारी बेडे़ में 700 निजी बसें शामिल करने व नए रोडवेज रोड सेफ्टी कानून का विरोध कर रहे हैं।

नारनौल डिपो में कुल 151 बसें है। मंगलवार को हड़ताल का ऐलान करने के साथ ही बसें नारनौल, महेंद्रगढ़ व कनीना बस स्टैंड पर खड़ी कर दी गईं। नारनौल रोडवेज डिपो की सभी 151 बसें प्रतिदिन 50 हजार किलोमीटर पूरे कर करीब 12 लाख रुपये की आय प्रतिदिन कमाती है। शाम को हड़ताल शुरू करने के साथ ही बस स्टैंड को पुलिस प्रशासन ने पूरी तरह से अपनी कस्टडी में ले लिया। बसों के पहिए थमने के बाद दैनिक यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि राजस्थान रोडवेज की बसें नारनौल होकर गुजरती हैं, लेकिन हड़ताल के बाद इनमें भी भारी भीड़ रही।

हड़ताल के ऐलान के बाद रोडवेज बस स्टैंड के बाहर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार रोडवेज विभाग को निजी हाथों में सौंपने की पूरी तैयारी कर ली है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि वे रोडवेज को निजी हाथों में नहीं सौंपने देंगे। उन्होंने बताया कि सरकार ने 700 निजी बसों को परमिट देकर रूटों पर उतारने की व्यवस्था कर दी है। इसके अनुसार निजी बसों में रोडवेज विभाग का परिचालक होगा व निजी चालक जिसको रोडवेज विभाग 36 से 38 रुपये प्रति किलोमीटर के हिसाब से खर्च वहन करेगी। इसके साथ-साथ इन बसों की कार्यशाला भी अलग होगी जिसके चलते कार्यशाला में कार्य करने वाले कर्मचारियों के घर में खाने के लाले पड़ जाएंगे।

कर्मचारी नेताओं ने कहा कि इसके साथ-साथ सरकार नया रोड सेफ्टी कानून पास कर रही है। इस कानून के अनुसार अगर दुर्घटना हुई तो कर्मचारी को दो वर्ष का कारावास, मृतक के परिवार को सहायता राशि भी चालक वहन करेगा व चालक का लाइसेंस भी रद कर दिया जाएगा। इसका विरोध रोडवेज विभाग के कर्मचारी कर रहे हैं। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार एस्मा लागू कर उनकी आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है, लेकिन सरकार को इसमें सफल नहीं होने दिया जाएगा।


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