कपास ज्ञान दिवस के तहत किसानों को उन्नत कृषि क्रियाओं की दी जानकारी
जागरण संवाददाता, महेंद्रगढ़ : कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ में कपास ज्ञान दिवस का आयोजन कर
जागरण संवाददाता, महेंद्रगढ़ : कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ में कपास ज्ञान दिवस का आयोजन कर किसानों को कपास की खेती में अपनाई जाने वाली उन्नत कृषि क्रियाओं के बारे में जानकारी दी गई। केंद्र के वरिष्ठ कीट वैज्ञानिक डा. जयलाल यादव ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि जिले के किसानों की कपास की खेती के प्रति रूढ़ी बढ़ी है। कपास की खेती से अन्य फसलों की अपेक्षा अधिक लाभ मिलता है। लेकिन किसानों को कपास उत्पादन की उन्नत कृषि क्रियाएं अपनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि अधिकतर किसान बीटी किस्म लगाते हैं। इसलिए कपास की फसल में रस चूसने वाले कीड़ों का प्रकोप होता है। रस चूसने वाले कीड़ों की रोकथाम के लिए रोगोर या इमीडक्लोपरीड का प्रयोग करें। उन्होंने कपास की प्रमुख बीमारियों की रोकथाम के उपाय भी बताए। सस्य वैज्ञानिक डा. रमेश कुमार ने किसानों को बीटी कपास की उन्नत किस्मों, कपास बिजाई का तरीका, खरपतवार पर नियंत्रण तथा ¨सचाई के बारे में विस्तार से बताया।
मृदा वैज्ञानिक डा. राजपाल यादव ने बीटी कपास में उर्वरकों के प्रयोग, उचित व संतुलित मात्रा में खादों के प्रयोग के बारे में बताया। फार्म प्रबंधन विशेषज्ञ डा. अशोक ढिल्लो ने कपास फसल की आय-व्यय के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उत्पादन के भाव चाहे कुछ भी हों लेकिन किसानों को अच्छी पैदावार के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।