प्रशासन की सख्ती से खरीद में आई पारदर्शिता
जिला प्रशासन की सख्ती का असर अब मंडी में फसल खरीद में दिखने लगा है।
संवाद सहयोगी, नांगल चौधरी: जिला प्रशासन की सख्ती का असर अब मंडी में फसल खरीद में दिखने लगा है। सोमवार को मंडी में बिक्री के लिए पहुंची ढेरी साफ-सुथरी होने से एक भी ढेरी रिजेक्ट नहीं होने से खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता भी नजर आई। एसडीएम ने खुद मंडी का दौरा कर ढेरियों व पहले खरीद किए गए बाजर ेकी गहनता से जांच की। उन्होंने खरीद कमेटी को मापदंड अनुसार ही बाजरे की खरीद करने की हिदायत भी दी।
सरकार मंडी में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों की फसल खरीद कर रही है। मंडी में धांधली रोकने के लिए आनलाइन रजिस्टे्शन सहित किसान के मोबाइल पर ओटीपी भेजने आदि प्रक्रिया अपनाई जा रही है। सरकार मंडी में साढ़े इक्कीस सौ रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से किसानों का बाजरा खरीद कर रही है, जबकि खुले बाजार में बाजरा पंद्रह सौ रुपये प्रति क्विंटल के आसपास ही बिक रहा है। किसान बाजरे की फसल को अधिक तव्वजो नहीं देता है। इससे एक किसान के पास करीब पंद्रह से बीस क्विंटल ही बाजरे की पैदावार है। जिससे सौदागर मंडी में फसल बेचकर अधिक मुनाफा कमाने की फिराक में रहते हैं। जिससे व्यापारियों ने अपने संपर्क के किसानों का बुवाई क्षेत्र से अधिक रकबे का पंजीकरण करवा दिया। बाहर का पुराना व कीड़ा, इल्ली से खराब बाजरा मंडी में किसान के टोकन पर बेचने लगे। लेकिन शुरुआत में ही मामला जिला उपायुक्त आरके सिंह के संज्ञान में आ गया। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों का मंडी में फसल बिक्री को लेकर पैनी नजर रखने की हिदायत दी। बार-बार प्रशासनिक अधिकारियों के निरीक्षण से व्यापारी लोगों में खलबली मच गई। किसानों की ढेरियां भी रिजेक्ट होने लगी। इससे अब मंडी में साफ सुथरा बाजरा पहुंचने लगा। सोमवार को मंडी में पहुंची एक सौ साठ ढेरियों में एक भी रिजेक्ट नहीं हुई। एसडीएम ने मंडी पहुंचकर खुद बाजरे की जांच की।
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सोमवार को मंडी में बिक्री के लिए एक सौ साठ ढेरियां पहुंची थी। बाजरा खरीद मापदंड पर खरा उतरने पर सभी ढेरियां पास कर दी गई। एसडीएम ने भी मंडी पहुंचकर ढेरियों सहित पहले खरीद किए गए बाजरे की जांच की। जिसमें कोई कमी नजर नहीं आई। किसानों को मंडी में बिक्री के लिए साफ सुथरा बाजरा लाने की ही हिदायत दे रहे हैं।
--कमल सिंह, प्रबंधक,
खरीद कमेटी वेयर हाउस।