ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का जिले में नहीं दिखा असर, सामान्य रहे हालात
विभिन्न ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने हड़ताल पर रहकर अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया।
जागरण संवाददाता, नारनौल : विभिन्न ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने हड़ताल पर रहकर अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताया। रोडवेज का चक्का जाम कैंसिल होने के बाद अन्य विभागों में भी कोई खास असर देखने को नहीं मिला। रोडवेज बसों का सुबह से संचालन अन्य दिनों की भांति सुचारु रहा। जिले के विभिन्न विभागों में तैनात करीब 3091 कर्मचारियों में से मात्र 275 कर्मचारी ही हड़ताल में शामिल रहे। रोडवेज विभाग के 617 कर्मचारियों में से केवल 14 कर्मचारी ही हड़ताल में शामिल हुए। इससे रोडवेज बसों के संचालन पर कोई असर दिखाई नहीं दिया। हड़ताल के दौरान किसी प्रकार अप्रिय घटना से निपटने के लिए प्रशासन द्वारा जिले में धारा 144 लागू की गई थी। इसके अलावा बस स्टैंड के बाहर पुलिस बल भी तैनात रहा। पुलिस बल के साथ तहसीलदार हर्ष कुमार भी बस स्टैंड पर मौजूद रहे। हड़ताल के दौरान जिलेभर में विभिन्न संगठन सदस्यों ने विभिन्न जगह धरना दिया। वहीं कई संगठन सदस्यों ने शहर में प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार व उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन सौंपा। जिसमें संगठन सदस्यों ने सरकार से उनकी मुख्य मांगों को जल्द पूरा करने मांग की। वहीं मांगे पूरी नहीं करने पर दोबारा से इस प्रकार कदम उठाने की चेतावनी दी।
आंगनबाड़ी व आशा वर्करों का रहा दबदबा :
रोडवेज का चक्का जाम नहीं होने पर अन्य विभागों के कर्मचारी भी जहां हड़ताल के प्रति उतने असर में दिखाई नहीं दिए, मगर आंगनबाड़ी एवं आशा वर्कर पूरे जोश-खरोश के साथ हड़ताल में शामिल हुई। इन्हीं को देखकर अन्य विभागों के कर्मचारी नेता चितवन वाटिका में चल रही सभा में पहुंचे और हड़ताल का पुरजोर समर्थन करते हुए सरकार की नीतियों की आलोचना की। चितवन वाटिका में मजदूरों के संगठन के प्रतिनिधि भी पहुंचे तथा कम्यूनिस्ट नेताओं ने प्रतिदिनों की भांति अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। यहां से हड़ताल प्रदर्शन करते हुए महावीर चौक से बस स्टैंड तक गए और सरकार को जगाने का प्रयास किया।
हड़ताल में इन संगठनों के कर्मचारी रहे शामिल :
विभिन्न ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर बुधवार को विभिन्न विभागों के कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इसमें बीएसएनएल इंप्लाइज यूनियन, आशा व आंगनबाड़ी वर्कर यूनियन, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन, ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन, आल इंडिया पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल कर्मचारी यूनियन, भवन निर्माण कामगार यूनियन, एचएसइबी डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन, रोडवेज यूनियन, नगर पालिका यूनियन व कनीना मोबाइल यूनियन आदि के कर्मचारी हड़ताल में शामिल होकर सरकार के खिलाफ अपना रोष जताया। वहीं सरकार से अपनी जायज मांगों को पूरा करने का आह्वान किया।
कर्मचारियों की मुख्य मांगे :
सभी सरकारी विभागों के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, समान काम, समान वेतन देने, वेतनमान समय पर देने, पुरानी पेंशन नीति लागू करने, न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये लागू करने, पुरानी एक्सग्रेसिया पॉलिसी लागू करने, पंजाब के समान वेतन देने, मेडिकल कैश लेस पॉलिसी लागू करने, निजीकरण पर रोक लगाने, श्रम कानून में संशोधन न करने, रोजगार व बेरोजगारी पर नियंत्रण करने, आठ घंटे की ड्यूटी निर्धारित करने, सभी विभागों में रिक्त पदों पर नियमित भर्ती करने, बसों के प्राइवेट परमिट रद करने, रोड सेफ्टी बिल वापस लेने, आबादी के हिसाब से ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति करने, ईंट भट्ठे को शुरू करवाने, मनरेगा में 200 दिन काम, 600 रुपये दिहाड़ी, आशा वर्कर यूनियन के साथ हुए समझौते को लागू करवाने, हटाए गए वन मजदूरों को वापस काम पर लगाने, भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में शामिल मजदूरों से 90 दिन काम की शर्त पर अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षर व मोहर न करने पर उन्हें हस्ताक्षर मोहर लगाने के निर्देश दिए जाने आदि मुख्य मांगे शामिल रही।
हड़ताल में इन विभागों के इतने कर्मचारी रहे हड़ताल पर :
विभाग --कुल कर्मचारी --हड़ताल में शामिल कर्मचारी
जनस्वास्थ्य विभाग : 452 86
बिजली विभाग : 1136 49
रोडवेज विभाग : 617 14
सिचाई विभाग : 441 05
नगर परिषद नारनौल : 280 13
नपा नांगल चौधरी : 39 25
नपा कनीना : 43 00
नपा महेंद्रगढ़ : 83 83