शहर में मिलावटी मिठाइयों का कारोबार चरम पर
दीवाली का त्योहार सिर पर है। शहर में मिठाइयों की दुकानें सज चुकी हैं।
बलवान शर्मा, नारनौल: दीवाली का त्योहार सिर पर है। शहर में मिठाइयों की दुकानें सज चुकी हैं। थोक में मिठाइयों का बड़ा कारोबार किया जा रहा है। कुछ हलवाई तो मिलावटी मिठाइयों का करोड़ों रुपये का कारोबार राजस्थान में भी कर रहे हैं। शहर व बाहरी कालोनियों में बड़े-बड़े गोदाम बनाए हुए हैं, जहां पर नकली खोया व पतीसे का भंडारण किया हुआ है। मिलावटी मिठाइयों के रेट आपकी उम्मीद से भी कम हैं। थोक में मिठाई खरीदनी हो तो कीमती मिठाई भी 50 से 60 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से उपलब्ध हो जाती हैं। इसी खेल को जानने के लिए दैनिक जागरण की टीम ने कुछ हलवाइयों के यहां जाकर पड़ताल की। ग्राहक बनकर पहुंचे इस मुख्य संवाददाता को एक हलवाई ने रेट लिखकर दिए। ये रेट जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे कि इतनी सस्ती मिठाई कहां पर मिल रही है और ऐसा क्या है कि इतनी सस्ती मिठाई उपलब्ध हो रही हैं। भई साफ बात है कि मिलावटी मिठाई और अच्छी गुणवत्ता सामग्री वाली मिठाई के रेट में अंतर तो होगा ही। नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर एक हलवाई ने बताया कि नकली खाद्य तेल का इस्तेमाल घी के तौर पर किया जाता है। मिलावटी मिठाइयां सेहत के लिए खतरनाक तो हैं ही, साथ ही लोगों की जेब पर आर्थिक बोझ भी डाल रही हैं। यहां एक बात और स्पष्ट कर दें कि जरूरी नहीं है कि जो मिठाई महंगी हो, वही शुद्ध होगी, ऐसा नहीं है। लेकिन सस्ती मिठाइयां केवल इसलिए सवालों के घेरे में आ जाती हैं, क्योंकि देशी घी के भाव गांवों में 750 रुपये किलोग्राम हैं, जबकि यहीं घी शहर में आते-आते न केवल महंगा हो जाता है, बल्कि इसमें भी मिलावट का खेल शुरू होने लगता है। महंगा घी इस्तेमाल करने की बजाए तेल को विकल्प के रूप में लिया जा रहा है। यह तेल भी शुद्ध नहीं होता है। हालांकि हर व्यक्ति या दुकानदार इस मिलावट के खेल में शामिल नहीं होता है पर कुछ लोग घटिया कारोबार कर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने से नहीं चूकते। असली के रेट- मिलावटी के रेट
पतीसा 250 60 रुपये
रसगुल्ला 180 50 से 70
बर्फी 400 100-120
गुलाबजामुन 180 90-100 रुपये,
लड्डू 90 60 से 70 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिक रहे हैं। बाक्स -----
जलमहल के पास लिए चारों सैंपल आए फेल
करीब दो महीने पूर्व खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा जलमहल के पास बनाए गए गोदाम से चार सैंपल लिए थे। इनमें सूखी व गूथी हुई मैदा, चीनी व पतीसे के सैंपल लिए थे। इनकी रिपोर्ट आ चुकी है। चारों सैंपल फेल आ गए हैं। संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई जाएगी। जल्द ही शहर की मिठाइयों की दुकानों में पुन: छापे मारे जाएंगे, ताकि मिलावट के खेल पर अंकुश लगाया जा सके।
--डा. भंवर सिंह,
खाद्य सुरक्षा अधिकारी।