बंदरों के आतंक से परेशान कस्बावासी
कभी शहरी क्षेत्रों के लिए परेशानी का सबब बने बंदर अब ग्रामीण क्षेत्रों में आतंक का पर्याय बन गए हैं।
संवाद सहयोगी, सतनाली : कभी शहरी क्षेत्रों के लिए परेशानी का सबब बने बंदर अब ग्रामीण क्षेत्रों में परेशानियां बढ़ा रहे हैं। सतनाली व आसपास के क्षेत्र में कुछ समय पूर्व कही बाहर से आए बंदर छोटे बच्चों व बुजुर्गों पर हमला कर उन्हें घायल कर रहे है। लोगों ने बताया कि सतनाली में बंदरों का आतंक दिनोंदिन बढ़ रहा है तथा आए दिन बंदर घरों में घुसकर बच्चों पर हमला कर रहे है तथा साथ ही घरों में रखी सब्जियां व अन्य सामान भी उठाकर भाग जाते है। पिछले एक माह से तो इनका आतंक इतना बढ़ गया है कि महिलाएं व बच्चे घर में अकेले रह ही नहीं सकते। बंदरों के हमले को देखते हुए वे हर समय भय के साये में रह रहे है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि पहले तो ये बंदर समूह में आकर हमला करते थे एवं लोगों से घरेलू वस्तुएं छीनते थे, लेकिन अब तो इनका आतंक इतना बढ़ गया है कि इन्होंने सीधे ही लोगों पर हमला करना शुरू कर दिया है। पिछले एक माह में कस्बे में आधा दर्जन बच्चे बंदरों के हमलों के शिकार हो चुके हैं। सबसे ज्यादा भय तो महिलाओं और बच्चों में हैं जोकि इनके भय से घर से बाहर निकलने में भी संकोच करने लगे हैं। हालात यह है कि अब ये बंदर रात के समय में भी हमला कर घायल कर रहे हैं। वहीं दुकानदार भी बंदरों से खासे परेशान है तथा बंदर उनकी दुकान के बाहर रखा सामान भी उठा ले जाते है। बंदर झुंड के रूप में आते है तथा एक झुंड में पांच से 6 बंदर होते है जो किसी भी समय हमला कर देते है। स्थानीय लोग बंदरों से निजात दिलवाने की मांग को लेकर अनेक बार पंचायत व प्रशासन से गुहार लगा चुके है परंतु कोई हल नहीं निकल रहा। लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इन बंदरों का अतिशीघ्र कस्बे से पकड़ा जाए एवं ग्रामीणों के भय के आतंक से मुक्ति दिलवाई जाए।