स्कूल के छात्र आगजनी के प्रति हुए जागरूक, डैमो में लिया भाग
- दैनिक जागरण अभियान की मुहिम की वक्ताओं ने की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। आग लगने पर छात्रों को डैमो देकर दिया गया प्रशिक्षण।
जागरण संवाददाता, नारनौल : दैनिक जागरण की ओर से बुधवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नारनौल में फायर सेफ्टी पर जागरूकता अभियान जारी रहा। कार्यक्रम में विद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य सुरेंद्र गुप्ता, मास्टर ट्रेनर टेकचंद यादव एवं अग्निशमन विभाग की ओर से फायरमैन देवेंद्र कुमार ने भाग लिया। विद्यालय प्रांगण में ही अग्निशमन दल ने आगजनी पर काबू पाने का डैमो भी करके दिखाया।
फायरमैन देवेंद्र कुमार ने आगजनी को विस्तारपूर्वक समझाते हुए कहा कि जब किसी भवन में आग लग जाती है तो आग में जलने व झुलसने के साथ-साथ उसमें धुएं से दम घुटने के कारण भी मौतें हो जाती हैं। ऐसे में जिस बिल्डिग में आग लग जाए, वहां उसमें फंसे लोगों को कुछ सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि जब आग लग जाती है तो एकदम से सभी लोग दरवाजे की तरफ दौड़ते हैं और भीड़ होने के कारण किसी दरवाजे या पोड़ियों में फंसकर रह जाते हैं। ऐसे में घबराकर अफरा-तफरी फैलाने की बजाए विवेक एवं धैर्य से काम लेना चाहिए। आग से बचाव के उपाय खोजें और उन पर अमल करें। जिस कमरे में जिस जगह आग लगी हो, उसके आसपास का ज्वलनशील पदार्थ जैसे डेस्क, कागज या प्लास्टिक सामान व गैस आदि हटा दें। वेंटीलेटर खोल दें और शीशे लगे हों तो उन्हें तोड़ दें। कमरा धुएं से भर जाए तो उसमें खड़े होकर चलने की बजाए लेटकर चलें और हाथ-पैर मारकर दरवाजा खोजें। उन्होंने कहा कि खेत-खलिहान में भी आग लग जाए तो उसके आसपास का ज्वलनशील सामान हटा देना चाहिए। तभी आग को फैलने से रोका जा सकता है। कई बार बिजली की तारों से भी आग लग जाती है। बिजली की तारों से आग लगने पर उस पर भूलकर भी पानी नहीं फेंके। ऐसा करने से करंट लग सकता है। सबसे पहले मेन लाइन को काट दें। गैस सिलेंडर में आग लगने पर डरने की बजाए उसका रेगुलेटर बंद कर दें। या फिर उस पर गीली बोरी या गीला कपड़ा डाल दें। मिट्टी डालकर भी उस पर काबू पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आग छोटी से बड़ी होती है और उस पर प्रथम चरण में ही काबू पा लिया जाए तो बेहतर होता है।
रेडक्रास के मास्टर ट्रेनर टेकचंद यादव ने कहा कि आग लगने पर लोग जलने, झुलसने व दम घुटने से प्रभावित होते हैं। कईयों की तो जान भी चली जाती है। उन्होंने कहा कि धुएं से भरे बंद कमरे से निकालें और उसके श्वसन तंत्र क्रिया को निरंतर जारी रखें। इसके लिए उसके मुंह से मुंह मिलाकर सांस छोड़ें और छाती को अस्पताल तक पहुंचाने तक दबाते रहें। आग लगने से रंग लाल हो जाए तो ठंडा पानी डालें। छाले हो जाएं तो उन्हें फोड़े नहीं और कपड़ा जलकर चिपक जाए तो उसे हटाएं नहीं। तेजाब डाल दें तो छार से साफ कर लें और छार डाल दें तो तेजाब से साफ कर लें और इनफेक्शन से बचने के लिए जले हुए मरीज को कपड़े से ढक कर रखें और उसे चिकित्सक तक मरीज को पहुंचाकर उसका इलाज कराएं।
कार्यकारी प्राचार्य सुरेंद्र गुप्ता ने कहा कि जब एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां जा रही हों तो सबसे पहले उन्हें मार्ग देना चाहिए और विद्यार्थियों को ऐसी विपत्ति के समय खुद के बचाव के साथ-साथ दूसरों को बचाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने दैनिक जागरण की मुहिम की सराहना की और कहा कि किसी को जागरूक करना श्रेष्ठ कार्य है और दैनिक जागरण इस मुहिम में सदा आगे रहता है।
इस मौके पर प्राध्यापिका सावित्री चौहान, प्रवेश कुमारी, पूनम देवी, राजेश यादव, जोगेंद्र सिंह, देवेंद्र शर्मा, भारत भूषण शर्मा व अशोक शर्मा समेत सैकड़ों छात्र उपस्थित थे।