साहब! डिप्रेशन में था मैं, नींद भी हो गई थी गायब
साहब! पुलिस की नौकरी करते-करते मैं इतना डिप्रेशन में आ गया कि नींद भी नहीं आ रही है। पिछले ढ़ाई महीने से दादरी बारड़ा थाने से अनुपस्थित चल रहे एएसआइ ने नागरिक अस्पताल के चिकित्सकों के सामने प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अपना पक्ष रखा। चिकित्सक ने एएसआइ की जांच भी कि लेकिन जांच के बाद भी उसे भर्ती कर लिया गया। चिकित्सकों का कहना है कि उपचार के दौरान ही उक्त एएसआइ की सही स्थिति पता चलेगी कि वास्तव में वह बीमार होने का जूठ बोल रहा हैं या सच।
जागरण संवाददाता, नारनौल :
साहब! पुलिस की नौकरी करते-करते मैं इतना डिप्रेशन में आ गया कि नींद भी नहीं आ रही है। पिछले ढाई महीने से दादरी बारड़ा थाने से अनुपस्थित चल रहे एएसआइ ने नागरिक अस्पताल के चिकित्सकों के सामने प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अपना पक्ष रखा। चिकित्सक ने एएसआइ की जांच भी कि लेकिन जांच के बाद भी उसे भर्ती कर लिया गया। चिकित्सकों का कहना है कि उपचार के दौरान ही उक्त एएसआइ की सही स्थिति पता चलेगी कि वास्तव में वह बीमार होने का जूठ बोल रहा हैं या सच।
दूसरी ओर विभाग ने उक्त एएसआइ सरजीत को पिछले ढाई महीने से अनुपस्थित दिखाया है। पुलिस प्रवक्ता का कहना है कि संबंधित एएसआइ के बारे में उसके परिजनों से बातचीत की गई जिनका कहना है कि उन्हें सरजीत के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सवाल यह उठता है कि अगर सरजीत को नींद की समस्या थी तो वह घर पर क्यों नहीं गया व ढाई महीने कहां रहा। बरहाल इस मामले में चिकित्सकों की रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। यह मामला नारनौल व दादरी में चर्चा का विषय बना रहा। सरजीत के अस्पताल में भर्ती होने पर उनके परिजन उससे मिलने जरूर पहुंचे। सरजीत नारनौल के रेलवे स्टेशन पर पाया गया। जिसको परिजनों ने उपचार के लिए भर्ती करवाया गया था।