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उपायुक्त की रिपोर्ट बनी संदीप के निलंबन का आधार

प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री व जिला प्रभारी मंत्री विपुल गोयल के खिलाफ अदालत जाने वाले एसडीएम कनीना संदीप ¨सह इंजीनियर को निलंबित कर दिया गया है। मुख्य सचिव डीएस ढेसी ने उपायुक्त डॉ. गरिमा मित्तल की रिपोर्ट पर यह कार्रवाई की है। उपायुक्त की रिपोर्ट से शासन को स्पष्ट हुआ है कि संदीप ¨सह ने बिना अवकाश स्वीकृत करवाएं हुए न केवल मुख्यालय छोड़ा वरन वह जिला स्तर पर होने वाली महत्वपूर्ण बैंठकों में भी आदेश के बाद भी उपस्थित नहीं हुए। शासन की ओर से एसडीएम का निलंबित आदेश उपायुक्त के पास पहुंच गया है। उन्होंने एसडीएम को यह आदेश तामिल करवाने के लिए भी भेज दिया है। लेकिन अभी तक एसडीएम कनीना का अतिरिक्त कार्यभार किसी अन्य एसडीएम को नहीं दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Oct 2018 09:02 PM (IST)Updated: Mon, 01 Oct 2018 09:02 PM (IST)
उपायुक्त की रिपोर्ट बनी संदीप के निलंबन का आधार

जागरण संवाददाता, नारनौल :

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शासन द्वारा निलंबित किए गए एसडीएम कनीना संदीप सिंह के खिलाफ उपायुक्त डॉ गरिमा मित्तल की रिपोर्ट पर कार्रवाई हुई। उपायुक्त की रिपोर्ट से शासन को स्पष्ट हुआ कि संदीप ¨सह ने बिना अवकाश स्वीकृत करवाएं हुए न केवल मुख्यालय छोड़ा वरन वह जिला स्तर पर होने वाली महत्वपूर्ण बैंठकों में आदेश के बाद भी उपस्थित नहीं हुए।

एसडीएम का निलंबन आदेश उपायुक्त के पास पहुंच गया है। उन्होंने एसडीएम को यह आदेश तामील करवाने के लिए भी भेज दिया है। लेकिन अभी तक एसडीएम कनीना का अतिरिक्त कार्यभार किसी अन्य एसडीएम को नहीं दिया गया है।

पांच दिनों से उड़ी हुई थी अधिकारियों की नींद

27 सितंबर को एसडीएम कनीना संदीप ¨सह इंजीनियर ने अपने पिता पर हुई अपमानजनक टिप्पणी को लेकर जिला प्रभारी मंत्री विपुल गोयल के खिलाफ क्रिमिनल कंप्लेंट अंडर सेक्शन 500 व 504 आईपीसी के तहत सीजेएम सूर्याकांत चंद्रा की अदालत में याचिका दायर की थी। याचिका में एसडीएम ने आरोप लगाया कि विगत 20 सितंबर को जिला मुख्यालय पर हुई बैठक में उनकी अनुपस्थिति में प्रभारी मंत्री ने अभद्र टिप्पणी की है। अदालत ने एसडीएम के बयान के बाद मंत्री को सम्मन भेजे जाने की कार्रवाई की। यह भनक जैसे ही प्रशासनिक अधिकारियों को लगी तो उनकी नींद उड़ गई। मंत्री विदेश दौरे पर गए हुए थे। ऐसे में सबसे पहले 20 सितंबर को हुई बैठक रिकार्डिंग तलाश करवाई गई जिससे यह पता चल सके कि वास्तव में मंत्री पर लगे आरोप सही या गलत। क्योंकि याचिका में एक समाचार पत्र (जागरण नहीं) में छपी खबर को आधार बनाया गया है। सूत्रों की माने तो अधिकारियों ने 20 सितंबर को ही बैठक की रिकार्डिंग प्राप्त कर ली थी लेकिन उस बैठक में मंत्री ने वास्तव में क्या कहा था अभी इससे पर्दाफाश नहीं किया है।

संदेह के घेरे में संदीप के कार्यकाल में हुए निर्माण कार्य सूत्रों की माने तो उपायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में 20 सितंबर को हुई बैठक में एसडीएम के उपस्थित न होने को आधार बनाया है। इस बैठक में शिकायतकर्ता जगमाल ¨सह ने आरोप लगाया था कि नगर पालिका कनीना वार्ड नंबर एक में साफ-सफाई व स्ट्रीट लाइटें नहीं लग नहीं है। पिछले छह महीने से यह मामला लटका हुआ है लेकिन नपा के प्रशासक पद का अतिरिक्त कार्यभार होने पर एसडीएम ने समस्या के समाधान में कोई रुचि नहीं ली। सूत्रों की माने तो एसडीएम संदीप ¨सह के कार्यकाल में कनीना क्षेत्र में हुए निर्माण कार्यों की भी जांच होगी।


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