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गांवों में सौर ऊर्जा लाइट लगाकर मरम्मत करना भूला पंचायती विभाग

पंचायती विभाग गांवों में गलियारों को रोशन करने के उद्देश्य से लगाई गई सौर ऊर्जा लाइटों को लगाकर मरम्मत करना भूल गया। यही वजह है कि गांवों में लगी हजारों रुपये की बैट्री या तो कंड़म हो गई या फिर चोर चुरा ले गए। इससे पंचायती विभाग के अधिकारियों को भले ही कोई फर्क न पड़ा हो लेकिन सरकार का प्रदेश में सौर ऊर्जा पर खर्च किया गया करोड़ों रुपये पानी की तरह बह गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 04:31 PM (IST)Updated: Sat, 30 Nov 2019 06:17 AM (IST)
गांवों में सौर ऊर्जा लाइट लगाकर मरम्मत करना भूला पंचायती विभाग
गांवों में सौर ऊर्जा लाइट लगाकर मरम्मत करना भूला पंचायती विभाग

संवाद सहयोगी, नांगल चौधरी: पंचायती विभाग गांवों में गलियारों को रोशन करने के उद्देश्य से लगाई गई सौर ऊर्जा लाइटों को लगाकर मरम्मत करना भूल गया। यही वजह है कि गांवों में लगी हजारों रुपये की बैट्री या तो कंडम हो गई या फिर चोर चुरा ले गए। इससे पंचायती विभाग के अधिकारियों को भले ही कोई फर्क न पड़ा हो, लेकिन सरकार का प्रदेश में सौर ऊर्जा पर खर्च किया गया करोड़ों रुपये पानी की तरह बह गया।

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पंचायतों ने गांवों को रोशन करने के उद्देश्य से सौर ऊर्जा लाइटें लगाई थी। इन लाइटों को भी गांव के प्रमुख रास्तों व चौराहों पर लगाया गया था, लेकिन देखरेख के अभाव में ग्रामीणों को मुश्किल से इन लाइटों का वर्षभर भी लाभ नहीं मिल पाया। पंचायतों ने इन लाइटों के साथ लगी करीब आठ से दस हजार रुपये की बैट्री की मरम्मत पर ध्यान ही नहीं दिया। बैट्रियों में पानी कम होने से सूख गई। इसके बाद इनकी प्लेट खराब हो गई। वहीं कई गांवों में चोर ही इन बैट्रियों पर हाथ साफ कर गए। जिनकी शिकायत थाने तक पहुंची, लेकिन आज तक एक भी बैट्री चोर पकड़ में नहीं आया। आज भी कई गांवों में सौर ऊर्जा संचालित बैट्री अंतिम सांस ले रही है लेकिन पंचायतों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। अब यदि पंचायती विभाग के अधिकारियों की माने तो लाइटों की मरम्मत व सार संभाल रखना पंचायतों की जिम्मेदारी बनती है। पंचायत अपने खाते से बैट्री का रखरखाव कर सकती है, लेकिन विभाग के नियमों को देखते हुए किसी भी पंचायत ने इन लाइटों पर ध्यान नहीं दिया। बस लगाकर इनके महत्व को भूल गए। इससे ये लाइटें चंद समय में ही कंडम हो गई।


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