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रामलीला की बस यादें रह गई, कई पात्र आज भी जीवित

कनीना मंडी में 14 वर्षों तक चली रामलीला के प्रमुख किरदार निभाने वाले कई किरदार आज भी जिदा हैं और रामलीला मंचन का समय आने पर अपनी पुरानी यादें ताजा करके प्रसन्न होते हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 06:44 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 09:47 PM (IST)
रामलीला की बस यादें रह गई, कई पात्र आज भी जीवित

संवाद सहयोगी, कनीना: कनीना मंडी में 14 वर्षों तक चली रामलीला के प्रमुख किरदार निभाने वाले कई किरदार आज भी जिदा हैं और रामलीला मंचन का समय आने पर अपनी पुरानी यादें ताजा करके प्रसन्न होते हैं। उनके पास अपने द्वारा अभिनीत भूमिकाओं के संग्रह मौजूद हैं।

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रामलीला की मुख्य लीलाएं धनुष यज्ञ, कोप भवन, सीता हरण, लक्ष्मण मूर्छा की लीलाएं अपने इलाके में प्रसिद्ध थी। कनीना की रामलीला में मंच पर मदिरा सेवन करने वालों तथा नर्तकियों को कभी नहीं आने दिया गया। कनीना की रामलीला पूर्णरूप से मर्यादित होती थी। रामलीला यशवंत सिंह व राधेश्याम रामायण पर आधारित मंचित होती थी।

कनीना में वर्ष 1977 से 1991 तक चली रामलीला में विष्णु, राम एवं वेदमति आदि की भूमिका निभाने वाले ओमप्रकाश लिसानिया ने बताया कि राम को चौदह वर्षों का वनवास मिला था ठीक उसी प्रकार 14 सालों तक ही रामलीला चली थी। उनको सारे संवाद मौखिक याद थे और राम का रोल करके अति प्रसन्न होते थे कितु कनीना पालिका के वर्ष 1991 के चुनावों के कारण तथा अपरिहार्य कारणों के चलते रामलीला को बंद करना पड़ा था। अपने जमाने के प्रसिद्ध कलाकार एवं रावण की भूमिका निभाने वाले कलाकार मुरारीलाल आज इस दुनिया में नहीं है, कितु उनकी यादें आज भी लोगों के जेहन में जिदा हैं। उनकी मोटी एवं तेज आवाज और 'मर गया तो अपने घर गया यहां क्या धर गया' व 'गाने वाली को पेश किया जाए' आज भी लोगों के कानों में गूंजती हैं। क्षेत्र की प्रमुख रामलीला कनीना की मानी जाती थी। पवन कुमार ने हनुमान की भूमिका निभाई थी। वे अपने किरदार को देखकर खुश हो जाते हैं।

कनीना की रामलीला में जहां रावण की भूमिका निभाने वाले मुरारीलाल, हास्य कलाकार की भूमिका निभाने वाले जगदीश प्रसाद एवं श्रीचंद आज भगवान को प्यारे हो चुके हैं कितु लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले सुरेश एवं महेंद्र, सीता की भूमिका निभाने वाले सुभाष एवं रमेश,परशुराम, मंथरा की भूमिका निभाने वाले ओमप्रकाश सहगल, सुग्रीव एवं बाली की भूमिका निभाने वाले केदार नाथ, कामदेव, श्रवण, सुमंत, केकैई, मेघनाद आदि की भूमिका निभाने वाले शेर सिंह टेलर, अंगद एवं हनुमान की भूमिका निभाने वाले पवन गोयल, भरत की भूमिका निभानेवाले नवीन मित्तल, मारीच, कुंभकर्ण तथा कई अन्य रोल निभाने वाले शिब्बू पंसारी, कौशल्या एवं अन्य भूमिकाएं निभाने वाले महाबीर दुधिया आदि कलाकार आज भी अपने पुराने किरदारों को महज अपने एलबम में देख प्रसन्न हो जाते हैं।

क्या कहते हैं उस जमाने के कलाकार राम

ओमप्रकाश लिसानिया जो राम की भूमिका निभाते थे का कहना है कि राम का रोल शीतलता, मधुरवाणी एवं मर्यादित रहकर निभाते थे। उन दिनों पर मां मेदिनी पर ही सोते थे और एक वक्त का भोजन लेते थे तत्पश्चात शुद्ध विचार लेकर ही रोल निभाते थे।

केकैई व मेघनाद-

केकैई व मेघनाद का रोल निभाने वाले शेर सिंह का कहना है कि रामलीला करने वाले एवं देखने वालों में इतना भाईचारा था कि उन 14 वर्षों में रामलीला मंचन के वक्त कोई अप्रिय घटना नहीं घटित हुई तथा कोई विवाद नहीं छिड़ा।


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