उत्साह से मनाया भाई-बहन के अटूट प्रेम का पर्व रक्षाबंधन
जिले में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को रक्षाबंधन धूमधाम से मनाया गया। हर त्योहार का अपना धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है। इन्हीं त्योहारों में एक प्रमुख त्योहार है रक्षा बंधन जो हर साल सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है लेकिन इस बार दो दिन रक्षाबंधन पर्व मनाया गया है।
संवाद सूत्र, सतनाली मंडी: जिले में बृहस्पतिवार और शुक्रवार को रक्षाबंधन धूमधाम से मनाया गया। हर त्योहार का अपना धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है। इन्हीं त्योहारों में एक प्रमुख त्योहार है रक्षा बंधन जो हर साल सावन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है, लेकिन इस बार दो दिन रक्षाबंधन पर्व मनाया गया है।
रक्षाबंधन भाई-बहन के प्यार का पवित्र पर्व है, जो सबसे पवित्र रिश्ते का प्रतीक है। इस दिन बहने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनका मीठा मुंह करवाती है और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। इसके बदले में भाई उन्हें जीवन भर रक्षा और देखभाल का वचन देते हैं। शुक्रवार को भी देश व प्रदेश में रक्षाबंधन पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
सुबह से ही बस अड्डों व रेलवे स्टेशनों पर महिलाओं की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी। हालांकि, शुक्रवार को रोडवेज बसों में महिलाओं को टिकट लेकर सफर करना पड़ा। प्रदेश सरकार ने बुधवार दिन के 12 बजे से बृहस्पतिवार रात के 12 बजे तक रोडवेज बसों में सफर मुफ्त किया था। शुक्रवार को भी सड़कों, बाजारों में राखी और मिठाई की दुकानों पर काफी भीड़ लगी रही। इसी कड़ी में सतनाली कस्बे के नजदीकी गांव कादमा स्थित गायत्री सदन में भी रक्षा बंधन के पावन पर्व पर बहन गुंजन मिश्रा ने अपने भाई मधुर मिश्रा के माथे पर कुमकुम का तिलक लगाकर राखी बांधी और दीर्घायु व कुशलता की कामना की।
इस दौरान गृहणी किरण मिश्रा ने बताया कि इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा भी की जाती है। घरों के बाहर राम और सीता लिखकर देर शाम उनको भोग लगाया जाता है। रक्षाबंधन के त्योहार का बहनों के साथ-साथ भाईयों को भी बेसब्री से इंतजार रहता है। इस दिन भाई जहां भी हो अपनी बहन से मिलने और राखी बंधवाने पहुंच जाते हैं।