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हकेंवि में पीजीडीआरपी को मिली भारतीय पुनर्वास परिषद की मंजूरी

मनोविज्ञान के क्षेत्र में भविष्य निर्माण की चाह रखने वाले युवाओं के लिए हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ में अब पीजीडीआरपी (पुनर्वास मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर डिप्लोमा) पाठ्यक्रम की भी पढ़ाई भी होगी। विश्वविद्यालय की मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान पीठ के अंतर्गत मनोविज्ञान विभाग को रिहेबिलिटेशन काउंसिल आफ इंडिया (आरसीआइ) नई दिल्ली के द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन रिहैबिलिटेशन साइकोलाजी (पीजीडीआरपी) पाठ्यक्रम चलाने की मंजूरी दे दी है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 08:45 PM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 08:45 PM (IST)
हकेंवि में पीजीडीआरपी को मिली 
भारतीय पुनर्वास परिषद की मंजूरी
हकेंवि में पीजीडीआरपी को मिली भारतीय पुनर्वास परिषद की मंजूरी

संवाद सहयोगी, महेंद्रगढ़:

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मनोविज्ञान के क्षेत्र में भविष्य निर्माण की चाह रखने वाले युवाओं के लिए हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ में अब पीजीडीआरपी (पुनर्वास मनोविज्ञान में स्नातकोत्तर डिप्लोमा) पाठ्यक्रम की भी पढ़ाई भी होगी। विश्वविद्यालय की मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान पीठ के अंतर्गत मनोविज्ञान विभाग को रिहेबिलिटेशन काउंसिल आफ इंडिया (आरसीआइ) नई दिल्ली के द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन रिहैबिलिटेशन साइकोलाजी (पीजीडीआरपी) पाठ्यक्रम चलाने की मंजूरी दे दी है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने मनोविज्ञान के क्षेत्र में विशेषज्ञों की मांग और उसके परिणाम स्वरूप रोजगार की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए इस क्षेत्र में प्रशिक्षित युवाओं की उपलब्धता हेतु इस पाठ्यक्रम को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने विश्वविद्यालय में इस पाठ्यक्रम की उपलब्धता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अवश्य ही इससे मनोविज्ञान के क्षेत्र में बढ़ती प्रशिक्षित युवाओं की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। विश्वविद्यालय कुलपति ने बताया कि आरसीआई की ओर से मंजूर नए पाठ्यक्रम में इस क्षेत्र से संबंधित शिक्षण-प्रशिक्षण का कार्य व्यावहारिक एवं वैज्ञानिक पद्धति के अनुरूप किया जाएगा। विश्वविद्यालय को मिली मंजूरी के अनुसार इस कोर्स में सत्र 2021-22 से 2025-26 तक अध्ययन का मार्ग प्रशस्त हो गया है। मनोविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. वीएन यादव ने बताया कि विश्वविद्यालय में इस पाठ्यक्रम की मंजूरी के लिए आरसीआई द्वारा छह अक्टूबर 2021 में निरीक्षण किया गया था। जिसके पश्चात विश्वविद्यालय को इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत 10 सीटों पर दाखिले की आवश्यक मानकों के अनुरूप मंजूरी प्रदान की गई है । उन्होंने बताया कि इस पाठ्यक्रम में दाखिले की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी। इस मंजूरी के बाद 2021- 22 से लेकर 2025-26 सत्र तक हम इस पाठ्यक्रम का संचालन करेंगे । डा. वी.एन. यादव ने इस उपलब्धि के बाद विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार व कुलसचिव प्रो. सारिका शर्मा का आभार व्यक्त किया और विभाग के शिक्षकों डा. पायल चंदेल, डा. प्रदीप कुमार, डा. विष्णु नारायण कुचेरिया, डा. रवि पाण्डेय व डा. रितु शर्मा के योगदान की भी सराहना की।


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