ओवरलोड डंपरों से ग्रामीणों की जान सांसत में
भले ही शासन व प्रशासन ओवरलोड पर अंकुश की दम भर रहा हो।
संवाद सहयोगी, नांगल चौधरी: भले ही शासन व प्रशासन ओवरलोड पर अंकुश की दम भर रहा हो। लेकिन हकीकत में यहां ओवरलोड पर लगाम नहीं लग पाई है। दताल नाका लगने के बाद ओवरलोड माफिया ने अब थनवास-श्यामपुरा राजस्थान लिक मार्ग पर ओवरलोड डंपर दौड़ाना शुरू कर दिया है। जिससे हर वक्त हादसे का खतरा बना रहता है। इससे ग्रामीणों सहित स्कूली बच्चों की जान सांसत में फंसी है।
सरकार के निर्देशानुसार राजस्थान से हरियाणा बार्डर में प्रवेश करने वाले ओवरलोड पर अंकुश के लिए दताल व निजामपुर में नाका लगा दिया। इससे इस मार्ग पर ओवरलोड की संभावना क्षीण हो गई। लेकिन इसी के साथ माफिया ने अब राजस्थान को अटैच करने वाले लिक मार्गो का प्रयोग करना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों के सुविधाजनक आवागमन के लिए सरकार ने थनवास बस स्टैंड से राजावत नगर राजस्थान बार्डर तक लिक मार्ग का निर्माण करवाया है। जर्जर होने के बाद मार्ग का नवीनीकरण भी हुआ। इससे ग्रामीणों को भी आवागमन में सुविधा हुई। लेकिन गत एक सप्ताह से इस मार्ग का प्रयोग अब ओवरलोड डंपर चालक करने लगे हैं। राजस्थान के देवता व मीणा के नांगल से आने वाले पत्थरों से भरें ओवरलोड डंपर उक्त मार्ग पर चलकर थनवास बस स्टैण्ड से नेशनल हाइवे 148 बी पर चढ़ जाते है। इसके बाद बुढवाल से नियामतपुर-मौरूण्ड ग्रामीण सड़क मार्ग पर चलकर राजस्थान के बहरोड़ में प्रवेश कर जाते है। ग्रामीणों की माने तो उक्त मार्ग पर प्रतिदिन दो दर्जन से अधिक पत्थरों से भरें ओवरलोड डंपर गुजरते है। इससे ग्रामीणों व पशुचारा के लिए जाने वाली महिलाओं सहित स्कूली बच्चे कभी भी हादसे का शिकार बनने की आशंका बनी रहती है। उक्त मार्ग सिगल लेन होने के कारण डंपरों के आवागमन से किसान की उंट गाड़ी के साइड लेने लायक जगह भी नही बच पाती है। वहीं क्षमता से अधिक वजन ढोने से सड़क भी उखड़ने लगी है। ग्रामीणों ने जिला उपायुक्त से गुहार लगाकर उक्त मार्ग पर ओवरलोड के संचालन पर अंकुश की मांग की है।