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नई शिक्षा नीति को प्रभावी बनाने में विश्वविद्यालय की रहेगी अहम भूमिका

हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि) महेंद्रगढ़ के कुलपति ने कहा कि नई शिक्षा नीति को प्रभावी बनाने में विवि की अहम भूमिका रहेगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 06:56 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 06:56 PM (IST)
नई शिक्षा नीति को प्रभावी बनाने में विश्वविद्यालय की रहेगी अहम भूमिका
नई शिक्षा नीति को प्रभावी बनाने में विश्वविद्यालय की रहेगी अहम भूमिका

संवाद सहयोगी, महेंद्रगढ़ :

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हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि) महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रो. आरसी कुहाड़ ने कहा कि नए भारत के निर्माण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति का योगदान अविस्मरणीय होगा। इस शिक्षा नीति में भारतीय क्षमताओं और वैश्विक आवश्यकताओं की समझ और उनके अनुरूप युवा शक्ति को सकारात्मक दिशा प्रदान करने की नीति, नियत व निश्चय का संकल्प उपलब्ध है। शुक्रवार को शिक्षा मंत्रालय व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर केंद्रीत एक दिवसीय कॉन्क्लेव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन व संबोधन में शामिल होने के बाद विश्वविद्यालय की ओर से इस दिशा में दिए जाने वाले योगदान के बारे में प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति नए भारत के निर्माण के लिए संकल्पबद्ध प्रयासों की आवश्यकता पर जोर देती है। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय इस दिशा में हर संभव प्रयास करेगा। प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तुत नीति के लिए रणनीति, रणनीति के लिए रोड मैप और रोड मैप के लिए संसाधनों के विकास की आवश्यकता को चिह्नित करते हुए काम करने से ही भारत अपनी पुरानी ख्याति को फिर से प्राप्त कर सकेगा।

कुलपति ने कहा कि इस एक दिवसीय आयोजन में प्रधानमंत्री ने बेहद स्पष्ट रूप से नई शिक्षा नीति में उपलब्ध संभावनाओं और उसके माध्यम से 21वीं सदी के भारत को तैयार करने का वर्णन किया। प्रधानमंत्री की भावना के अनुरूप विश्वविद्यालय मातृभाषा में प्रारंभिक शिक्षा, रोजगारपरक शिक्षा, वैश्विक स्तर पर शोध को बढ़ावा और शिक्षकों की क्षमताओं में निरंतर विकास के क्रम को जारी रखने में हर संभव योगदान देगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का संबोधन बेहद प्रेरणादायक रहा और उनके विचारों को जानने के बाद साफ हो गया है कि आत्मनिर्भर भारत का सपना अवश्य साकार होगा। सभी विश्वविद्यालयों, शिक्षण संस्थानों से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए विस्तृत कार्य योजना के निर्माण हेतु चर्चा, मंथन व वेबिनार आदि आयोजित कर सुझाव देने की दिशा में विश्वविद्यालय की ओर से पहल आरंभ कर दी गई है। सितंबर माह तक हम सभी को इस दिशा में सकारात्मक सोच के साथ आवश्यक सुझाव प्रस्तुत करने में अग्रिम भूमिका निभाने का कुलपति ने आश्वस्त किया। कुलपति ने कहा कि नई शिक्षा नीति इस संकल्प को पूर्ण कर वैश्विक बदलाव की आधारशिला रखने का कार्य करेगी। उन्होंने इस मौके पर उपस्थित शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोतरे, उच्च शिक्षा सचिव श्री अमित खरे, राष्ट्रीय शिक्षा नीति निर्माण समिति के अध्यक्ष डॉ.के.कस्तूरीरंगन, यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. डीपी सिंह सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों व शिक्षाविद् का भी आभार व्यक्त किया जिनके प्रयासों व सक्रिय भागीदारी में शामिल होने का उन्हें अवसर मिला।


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