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चलो गांव की ओर.. इतिहास को समेटे है अटेली का सबसे बड़ा गांव कांटी

सुभाष दूरदर्शी, मंडी अटेली अटेली से कोई नौ किलोमीटर दूर बसा गांव कांटी इतिहास को समे

By JagranEdited By: Published: Thu, 11 Jan 2018 04:13 PM (IST)Updated: Thu, 11 Jan 2018 04:13 PM (IST)
चलो गांव की ओर.. इतिहास को समेटे है अटेली का सबसे बड़ा गांव कांटी

सुभाष दूरदर्शी, मंडी अटेली

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अटेली से कोई नौ किलोमीटर दूर बसा गांव कांटी इतिहास को समेटे हुए हैं। इस गांव की पहचान राजा महाराजाओं के समय से ही रही है। क्षेत्र का प्रथम विधायक भी इसी गांव से बना था। राजनीति के साथ-साथ धार्मिक आस्थाओं में विशेष पहचान होने के कारण पटियाला के महाराज हीरा ¨सह का कांटी से विशेष लगाव रहा। उनको पुत्ररत्न की प्राप्ति यहां के नृ¨सह दास के आशीर्वाद से हुई। इसके बाद उन्होंने यहां सुंदर तालाब व भव्य मंदिर का निर्माण करवाया।

बुजुर्गों के मुताबिक गांव को साढ़े सात सौ साल पहले राणा बशेसर ने बसाया था। उस समय इस गांव का नाम कनैहरी रखा गया था मगर कालांतर में यह नाम कांटी हो गया। लगभग 1100 घरों की आबादी वाले इस गांव की जनसंख्या लगभग 12 हजार के करीब है। अटेली खंड का सबसे बड़ा गांव होने का गौरव भी इसी गांव को है। गांव का नेतृत्व युवा सरपंच देवी ¨सह कर रहे है। गांव में 17 वार्ड है।

इस गांव में चार सार्वजनिक वाटर सप्लाई, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय व प्राथमिक पाठशाला, 6 जोहड़ सहित चार प्राचीन मंदिर बाबा नृ¨सहदास, करणी माता, मैनपुरी धाम, गणेशदास, बाबा पीर के अलावा 9 शिव मंदिर, 6 ठाकुर जी मंदिर, 5 हनुमान मंदिर अलग-अलग स्थानों पर स्थापित है। इतना ही नहीं सात आंगनबाड़ी केन्द्र जो सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से मूलभूत सुविधाओं के चलते सुचारु रूप से चल रही है।

गांव के नागरिक राकेश वर्मा बताते हैं कि वर्तमान में गांव के 120 लोग अर्धसैनिक बलों में विभिन्न स्थानों पर तैनात होकर देश की सेवा कर रहे हैं, वहीं 150 के करीब पूर्व सैनिक है। सभी गलियों को इंटर लो¨कग टाइलों से पक्का किया गया है। बिजली की समुचित व्यवस्था रखने के लिए स्ट्रीट लाईट लगाई गई है। डाकघर, पशु अस्पताल, गुडगांव ग्रामीण बैंक व दो तालाब यहां बने है।

इन्होंने बढ़ाया गांव का मान:

कांटी गांव का जितना समृद्ध इतिहास है उसी के मुताबिक यहां की कई प्रतिभाओं ने गांव को अलग पहचान दिलाई है। 1952 में क्षेत्र के प्रथम विधायक बने बाबू श्याम मनोहर कांटी गांव के ही रहने वाले थे। इनके अलावा न्यायाधीश ठाकुर मनोहर ¨सह, डीजीपी दृगपाल ¨सह चौहान, कर्नल जोगेन्द्र ¨सह, कर्नल अशोक चौहान, आईएएस पुष्पेन्द्र व शरद चौहान, एसडीएम अशोक शर्मा, कमाडेंट र¨वद्र कुमार, पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी धर्मपाल चौहान, व प्रहलाद ¨सह नामी पहलवान आदि ऐसे नाम हैं।

गांव में सात आंगनबाड़ी केंद्र, चार प्राचीन मंदिरों सहित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय व प्राथमिक पाठशाला, 6 जोहड़, चार सार्वजनिक वाटर सप्लाई, स्ट्रीट लाइट, पंचायत भवन, डाकघर, सभी गलियां इंटरलो¨कग से पक्की, श्मशान भूमि में टीन शैड, दो तालाब, पशु अस्पताल, गुडगांव ग्रामीण बैंक आदि की सुविधाएं हैं। गांव के विकास से जुड़े अन्य काम कराए जा रहे हैं। मुख्य फिरनी को पक्का कराया गया है। साथ ही डेढ़ एकड़ में सुंदर पार्क बनवाया गया है। फिलहाल गांव में बड़े अस्पताल की आवश्यकता है।

-देवी ¨सह, सरपंच, कांटी

क्या कहते हैं ग्रामीण:

इतनी ज्यादा आबादी होने के बावजूद गांव में अस्पताल की सुविधा नहीं है। बीमार होने पर ग्रामीणों को दूरदराज शहरों में जाकर लोगों को इलाज कराना पड़ता है। महिला प्रसव के दौरान तो बहुत बड़ी परेशानी खड़ी हो जाती है। गांव से 9 किलोमीटर दूर अटेली अस्पताल में मरीज को ले जाया जाता है। गांव में सुविधायुक्त अस्पताल खुलना चाहिए।

-राकेश कुमार वर्मा, ग्रामीण

गांव में खेल स्टेडियम के नाम पर केवल चारदीवारी कर रखी है। इसमें न कोच की व्यवस्था है और न ही अन्य सुविधा है। व्यायामशाला बनाने का काम भी सिरे नहीं चढ़ पा रहा है। युवा इसी चारदीवारी के अंदर अभ्यास करते हैं। खेल स्टेडियम का पर्याप्त विकास होना चाहिए ताकि खेल प्रतिभाएं निखर सकें।

-ओमप्रकाश चौहान, ग्रामीण

गांव में पंचायत की ओर से सुंदर पार्क का निर्माण कराया गया है। इसमें बुजुर्ग सुबह शाम घूमने आते हैं। दिन में भी खाली समय बैठकर शुद्ध हवा लेते हैं। पार्क में फाऊंटेन फव्वारा की मांग की हुई है। मंजूर होने पर इसमें फव्वारा लगाया जाएगा, जिससे पार्क की सुंदरता में बढ़ोतरी हो सके।

-ओमप्रकाश, पंच

गांव की फिरनी में भरने वाले गंदे पानी की सफाई पंचायत ने करवाई है, लेकिन अब भी कुछ स्थानों पर पानी की निकासी की समस्या है। पंचायत को उन रास्तों में भी पानी की निकासी कर गंदगी को दूर करना चाहिए। इसके अलावा पाइप लाइन दबाई गई है वह काफी पुरानी हो गई। यह आए दिन लीकेज होती रहती है। नई पाइप लाइन डलवाने की बहुत आवश्यकता है।

-सुरेन्द्र ¨सह, ग्रामीण


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