सभी गोशालाओं में 30 फीसद अतिरिक्त गोवंश रखने से मिलेगी सड़कों को निजात
जिला की सभी गोशालाओं के प्रबंधक अपने यहां 30 फीसद अधिक गोवंश रोकने की जिम्मेदारी उठाएं। साथ ही गोशालाओं में ढांचागत सुविधाएं बढ़ाने के लिए प्रपोजल जल्द से जल्द दें ताकि गो सेवा आयोग को भेजकर बजट की मांग की जा सके।
जागरण संवाददाता, नारनौल: जिला की सभी गोशालाओं के प्रबंधक अपने यहां 30 फीसद अधिक गोवंश रोकने की जिम्मेदारी उठाएं। साथ ही गोशालाओं में ढांचागत सुविधाएं बढ़ाने के लिए प्रपोजल जल्द से जल्द दें, ताकि गो सेवा आयोग को भेजकर बजट की मांग की जा सके। यह बात उपायुक्त अजय कुमार ने मंगलवार को लघु सचिवालय में आवारा गोवंश को विस्थापित करने के लिए आयोजित गोशाला प्रबंधकों की बैठक में कही।
डीसी ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी गोशालाओं में 30 फीसदी क्षमता बढ़ाने के निर्देश हैं। सभी गोशाला प्रबंधक लिखित में अपना प्रपोजल भेजें, ताकि जरूरत अनुसार शेड आदि का प्रबंधन किया जा सके।
जिला में सभी गोशालाओं में लगभग 20 हजार गोवंश हैं। अब भी लगभग 3200 गोवंश शहर की सड़कों पर घूम रहा है। इन सभी को गोशालाओं में भेजा जाए। उन्होंने कहा कि ये पशु खेती को नुकसान पहुंचा रहे हैं तथा शहरों में यातायात व्यवस्था के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। ऐसे में सभी मिलकर इस जिम्मेदारी को उठाएं।
डीसी ने बताया कि अभी तक जिला की गोशालाओं को गौ सेवा आयोग की तरफ से चारा सहायता अनुदान से 54 लाख रुपये आए हैं। इनमें से 34 लाख रुपये दिए गए हैं। शेष राशि एक माह के अंदर-अंदर भेज दी जाएगी।
इस बैठक में एसडीएम रणबीर सिंह, उप-निदेशक पशुपालन डा. नसीब सिंह, सीएमजीजीए कौस्तुभ विराट, गोशाला आयोग के सदस्य हरिराम अग्रवाल, एसपीसीए से सतपाल शर्मा व अरुण कौशिक, गोशालाओं से कैप्टन दलीप सिंह यादव व राजकुमार यादव के अलावा विभिन्न गोशालाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे। बाक्स------
अवैध गोशाला संचालकों पर कार्रवाई की मांग
जिला की सभी गोशालाओं के प्रबंधकों ने उपायुक्त अजय कुमार के समक्ष मांग रखी कि जिला में कुछ गोशालाएं अवैध रूप से चलाई जा रही हैं। वे लोग पूरे जिले में गलत ढंग से चंदा एकत्रित करके अन्य गोशालाओं को बदनाम कर रहे हैं। गोशाला प्रबंधकों ने बताया कि कुछ लोग तो झूठी रसीद छपवाकर चंदा वसूल रहे हैं। इस पर उपायुक्त ने कहा कि वे लिखित में इसकी शिकायत जिला प्रशासन को दें इसके बाद ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। बाक्स-----
ये हैं पशुपालन विभाग द्वारा पंजीकृत गोशालाएं
नारनौल: पशुपालन द्वारा गोशालाओं को एक निश्चित मानदंड के अनुसार पंजीकृत किया जाता है। जिला में बाबा खेतानाथ गोशाला खेड़की, श्री 1008 बाबा हेमादास गोशाला समिति भोजावास, श्री कृष्ण गोशाला कनीना, नंद बृह्मचारी गोशाला समिति, श्री कृष्ण बाल गोपाल गोशाला बिहाली, बाबा मुकंद दास गोशाला नांगल चौधरी, श्री बाबा सरनाई नाथ गोशाला खेड़ी, श्री देव नारायण गोशाला मुसनोता, अनाथ गोशाला निजामपुर रोड नारनौल, संत आशाराम गोशाला दनचौली, श्री गोपाल गोशाला नारनौल, बाबा श्री गुदड़िया गोशाला माधोगढ़, धोलपोस आश्रम महेंद्रगढ़, श्री बांके बिहारी गोशाला समिति जड़वा, श्री कृष्ण सुदामा गोशाला भालखी, बाबा संतनाईनाथ गोशाला, श्री गोपाल गोशाला महेंद्रगढ़, श्री आदर्श गोशाला सतनाली, बाबा जयरामदास गोशाला खुढाना, नंदी गोशाला रघुनाथपुरा, स्वर्ग आश्रम सुधाराम गोमाता उपचार शाला नारनौल शामिल हैं। बॉक्स-------
पशुपालक बांधकर रखें अपने पशुओं को
उपायुक्त अजय कुमार ने जिला के नागरिकों से आह्वान किया कि वे अपने पशुओं को खुला न छोड़ें। उन्होंने बताया कि कई बार पशुपालक दिन में अपने पशुओं को आवारा छोड़ देते हैं। ऐसे पशु यातायात व्यवस्था में बाधक होते हैं। इसके अलावा ऐसे पशु किसानों की खेती में बहुत अधिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने सभी बीडीपीओ व शहरों में नगर पालिका व नगर परिषद के सचिवों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में यह सुनिश्चित करें कि अगर कोई पशु पालक इस तरह की हरकत लगातार कर रहा है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। पशु के लिए बाड़ा बनवाएं तथा जुर्माना लगाने के बाद ही उन पशुओं को छोड़ा जाए।
इसी प्रकार शहरों में सूअरों को खुला छोड़ा जा रहा है। उन पर भी इसी तरह की कार्रवाई करें। कोई भी नागरिक अपने पशुओं को खुला नहीं छोड़ेगा।