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भारतीय जनसंख्या मानव जैव विविधता का सबसे बड़ा स्रोत है: रजनीश सिंह

भारतीय जनसंख्या मानव जैव विविधता का सबसे बड़ा स्रोत है-रजनीश सिंह

By JagranEdited By: Published: Thu, 25 Aug 2022 08:17 PM (IST)Updated: Thu, 25 Aug 2022 08:17 PM (IST)
भारतीय जनसंख्या मानव जैव विविधता का सबसे बड़ा स्रोत है: रजनीश सिंह
भारतीय जनसंख्या मानव जैव विविधता का सबसे बड़ा स्रोत है: रजनीश सिंह

भारतीय जनसंख्या मानव जैव विविधता का सबसे बड़ा स्रोत है: रजनीश सिंह

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संवाद सहयोगी, महेंद्रगढ़: हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि) महेंद्रगढ़ के औषधि विज्ञान विभाग में द्वारा वेबिनार का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने इस अवसर पर कहा कि फार्माकोविजिलेंस एंड रेगुलेटरी अफेयर विषय पर केंद्रित यह वेबिनार अवश्य ही इस दिशा में जारी विभिन्न पक्षों को जानने-समझने में मददगार साबित होगा। इस आयोजन में उद्योग विशेषज्ञ रजनीश सिंह मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। रजनीश सिंह ने कहा कि भारतीय जनसंख्या मानव जैव विविधता का सबसे बड़ा स्रोत है, जो कि आनुवंशिक विविधता के संबंध में प्रभावकारिता, रोग संवेदनशीलता, एटियलॉजी, आणविक विकृति विज्ञान, और दवाओं की सुरक्षा प्रोफाइल का अध्ययन करने के लिए एक आदर्श माडल का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा कि हेल्थकेयर पेशेवरों को अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया (एडीआर) रिपोर्टिंग पर विचार करना चाहिए और फार्माकोविजिलेंस कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए। इससे पूर्व में स्कूल आफ इंटरडिसिप्लिनरी एंड एप्लाइड साइंसेज की डीन एवं विज्ञान प्रभा व्याख्यान श्रृंखला की अध्यक्ष प्रो. नीलम सांगवान ने बताया कि भविष्य में इस तरह के वेबिनार भी आयोजित किए जाएंगे, ताकि विद्वानों को विषय विशेषज्ञों के साथ विमर्श का अवसर मिल सके।

विभाग के विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम के संयोजक डा. दिनेश कुमार ने हमें बताया कि फार्माकोविजिलेंस एंड रेगुलेटरी अफेयर दवा और वैक्सीन की सुरक्षा सुनिश्चित करके स्वास्थ्य प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने बताया कि वेबिनार में देश व विदेश के विभिन्न संस्थानों से लगभग 150 शोध विद्वान और संकाय सदस्यों ने हिस्सा लिया। डा. मनीषा ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन डा. तरुण कुमार ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के आयोजन में डा. सुमित कुमार ने सक्रिय भूमिका निभाई। वेबिनार में प्रो. वंदना बी. पत्रावले, प्रो. शुभिनी ए. सराफ, डा. हीरा चौधरी, डा. बापी गोरैन और डा. पलानीस्वामी सहित विभाग के शिक्षक, विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे।


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