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विश्व का सबसे बड़ा ही नहीं, सबसे सफल लोकतंत्र भी है भारत

विश्व का सबसे बड़ा ही नहीं सबसे सफल लोकतंत्र भी है भारत। यह कहना है वरिष्ठ साहित्यकार एवं सिघानिया विश्वविद्यालय पचेरी बड़ी (राजस्थान) में हिदी-विभाग के प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डा. रामनिवास मानव का।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 04:47 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 04:47 PM (IST)
विश्व का सबसे बड़ा ही नहीं, सबसे सफल लोकतंत्र भी है भारत
विश्व का सबसे बड़ा ही नहीं, सबसे सफल लोकतंत्र भी है भारत

जागरण संवाददाता, नारनौल: विश्व का सबसे बड़ा ही नहीं, सबसे सफल लोकतंत्र भी है भारत। यह कहना है वरिष्ठ साहित्यकार एवं सिघानिया विश्वविद्यालय, पचेरी बड़ी (राजस्थान) में हिदी-विभाग के प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डा. रामनिवास मानव का। हिदी भाषा डाट कॉम इंदौर (मध्य प्रदेश) द्वारा आनलाइन आयोजित राष्ट्रीय कवि-सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि थे।

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अपने दोहों के माध्यम से उन विकृतियों का चित्रण करते हुए उन्होंने कहा कि खैरातों के दौर में आहत आज विधान। पुण्य लाभ नेता करें, करदाता भुगतान। अब कुर्सी के खेल में, गौण हुए सिद्धांत। होगा क्या जनतंत्र का, इससे बड़ा दुखांत। इंदौर के वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार मुकेश तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित कवि-सम्मेलन के प्रारंभ में हिदी भाषा डाट कॉम के संस्थापक संपादक अजय जैन विकल्प ने विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए उनका परिचय प्रस्तुत किया। मेरा देश महान शीर्षक से आयोजित इस कवि-सम्मेलन में गुरुदीन वर्मा, बारां (राजस्थान), मुकुट अग्रवाल, रेवाड़ी (हरियाणा), डा. शरद नारायण खरे, मंडला (मध्य प्रदेश), शशि कपूर, नवीं मुंबई (महाराष्ट्र), ममता मिश्रा, जामपाड़ा (ओडिशा), डा. आशा गुप्ता, जमशेदपुर (झारखंड), ममता तिवारी, जानकी चांपा (छत्तीसगढ़), कल्पना शर्मा, जयपुर (राजस्थान), गोपाल मोहन मिश्रा, दरभंगा (बिहार), शंकरलाल जांगिड़, रावतसर (राजस्थान), संजय गुप्ता देवेश, उदयपुर (राजस्थान), डा. मीतू सिन्हा, धनबाद (झारखंड), डा. हेमलता तिवारी, रायपुर (छत्तीसगढ़), विजयलक्ष्मी विभा, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), देव श्री गोयल, जगदलपुर (छत्तीसगढ़), डा. अशोक कुमार शर्मा, पटना (बिहार), अलका सोनी, वर्णपुर (पश्चिम बंगाल), कविता पनोट मुंबई (महाराष्ट्र), हरि बल्लभ श्रीवास्तव, शिवपुरी (मध्य प्रदेश), राधा गोयल, नई दिल्ली और प्रत्यूषा जैन, मुंबई (महाराष्ट्र) सहित चालीस कवियों ने काव्य-पाठ किया। अधिकतर कवियों ने देशभक्तिपूर्ण एवं ओजस्वी रचनाएं प्रस्तुत कर श्रोताओं को वीर रस से सराबोर कर दिया। सोनाली नार गुंडे के कुशल संचालन में लगभग चार घंटों तक चले इस कवि-सम्मेलन को मीडिया प्लेटफॉर्म जूम पर प्रसारित किया गया।


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