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शिविर में सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन एवं नशा मुक्ति का दिया संदेश

आर्य समाज नांगल चौधरी के तत्वावधान में सरस्वती सीनियर सेकेंडरी स्कूल में चल रहे चरित्र निर्माण एवं आत्म रक्षा शिविर में सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन एवं नशा मुक्ति का संदेश दिया गया। जिसमें वासुदेव यादव वरिष्ठ भू वैज्ञानिक मुख्यातिथि एवं समाजसेविका डा. कृष्णा आर्या कार्यक्रम अध्यक्ष व मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 07:29 PM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 07:29 PM (IST)
शिविर में सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन एवं नशा मुक्ति का दिया संदेश
शिविर में सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन एवं नशा मुक्ति का दिया संदेश

जागरण संवाददाता, नारनौल: आर्य समाज नांगल चौधरी के तत्वावधान में सरस्वती सीनियर सेकेंडरी स्कूल में चल रहे चरित्र निर्माण एवं आत्म रक्षा शिविर में सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन एवं नशा मुक्ति का संदेश दिया गया। जिसमें वासुदेव यादव वरिष्ठ भू-विज्ञानी मुख्यातिथि एवं समाजसेविका डा. कृष्णा आर्या कार्यक्रम अध्यक्ष व मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।

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वासुदेव यादव ने शिविर में उपस्थित युवा शक्ति को अपने जीवन अनुभव बताते हुए कहा कि बचपन में उनके द्वारा अनेक आर्य वीर दल आत्मरक्षा शिविरों में भागीदारी की और युवाओं की टीम का नेतृत्व करते हुए वह अजमेर तक शिविर में टीम कैप्टन रहे। शिविर गतिविधियों का निरीक्षण करने उपरांत स्वच्छता, अनुशासन व प्रशिक्षण में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले सदनों को सम्मानित किया। उन्होंने उपस्थित बच्चों को माता-पिता का आज्ञाकारी बनने, देश का अच्छा व जिम्मेदार नागरिक बनने की बात को आर्य वीरों घर-घर में शुभ संदेश पहुंचाना है, वैदिक नाद बजाना है प्रेरणा गीत के माध्यम से प्रस्तुत किया।

रामोतार पुरुषार्थी ने युवा जागृति गीत के माध्यम से युवाओं को पाखंड, आडंबर से दूर रहते हुए आत्मसंयम एवं शुद्ध आचरण व ब्रह्मचर्य जीवन का संदेश दिया। डा. कृष्णा आर्या ने युवाओं को नशा मुक्ति का संदेश देते हुए कहा कि आज के युवा एवं स्कूली बच्चे नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे है और छोटे छोटे पाउचों व पैकेटों में मिलने वाले नशे के सामान, सिगरेट, बीड़ी, खैनी, गुटका, शराब जैसे नशे के आसानी से शिकार हो रहे हैं, जो आगे चलकर उनके जीवन के लिए जानलेवा सिद्ध हो रहा है। शिविर संचालन एवं कार्यक्रम संयोजन में आचार्य रामकृष्ण शास्त्री, स्वामी आत्मा मित्र, रामोतार पुरुषार्थी, लखीराम एडवोकेट, दलीप सिंह थानेदार, वीरेंद्र सिंह थानेदार, धर्मवीर आर्य, राजकुमार प्रधान, जयबीर हितैषी, डा. अमरसिंह महरानिया, हर्षवर्धन, छोटेलाल आर्य, योगेंद्र आर्य आदि का विशेष योगदान रहा।


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