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सोशल साइट्स प्रत्याशियों के प्रचार का अहम जरिया

संवाद सहयोगी, कनीना  :  नगरपालिका के चुनावों में भाग्य आजमा रहे दावेदारों के लिए सोशल

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 May 2018 07:07 PM (IST)Updated: Mon, 07 May 2018 07:07 PM (IST)
सोशल साइट्स प्रत्याशियों के प्रचार का अहम जरिया

संवाद सहयोगी, कनीना  : 

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नगरपालिका के चुनावों में भाग्य आजमा रहे दावेदारों के लिए सोशल मीडिया प्रचार का अहम माध्यम बना हुआ है। सोशल मीडिया के जरिए प्रचार के आगे पोस्टर व बैनर गौण हैं। प्रत्याशी या तो सोशल साइट्स या फिर घर-घर जाकर सीधे संपर्क पर ही जोर दे रहे हैं।

जिले की अटेली व कनीना नगरपालिका के चुनाव आगामी 13 मई को होना प्रस्तावित हैं। चुनाव में नाम वापसी की प्रक्रिया के बाद से ही सोशल वाट्सएप  एवं फेसबुक  आदि पर विभिन्न प्रत्याशियों के प्रचार की भरमार है। प्रत्याशी अपने अपने बैनर की फोटो वाट्सएप  एवं फेसबुक  पर लगाकर वोट मांग रहे हैं। कनीना  में इस बार दो पूर्व प्रधान भी भाग्य आजमा रहे हैं। दो महिलाएं शारदा और संतोष चुनाव नहीं लड़ रही है, मा. दिलीप ¨सह तथा राजेंद्र ¨सह लोधी चुनाव मैदान में हैं। कई पूर्व पार्षद भी मैदान में उतरे हुए हैं। खास बात ये कि प्रत्याशी के स्वयं के अलावा उनके परिवार के सदस्य भी वाट्सएप, फेसबुक आदि के जरिए प्रचार कर रहे हैं। अपने प्रत्याशी को वोट देने की अपील कर रहे हैं। कनीना पालिका के चुनाव में जहां 45  प्रत्याशी चुनाव मैदान में है वही सबसे अधिक प्रत्याशी वार्ड नौ में छह प्रत्याशी हैं। यहां 13  वार्ड हैं। कुल प्रत्याशियों में से 20  प्रत्याशी युवा हैं।

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पालिका में हैं 8700 वोटर

वार्ड पुरुष मतदाता महिला मतदाता कुल  

1  322  301  623

2  509  449  958

3  421  399  820

4  326  287  613

5  362  311  673

6  364  325  689

7  299  236  535

8  332  301  633

9  319  289  608

10  344  344  688

11  257  265  522

12  347  339  686

13  347  305  652

4549  4151  8700   

वार्ड दो में सबसे अधिक मतदाता 958 हैं जबकि सबसे कम मतदाता वार्ड 11 में 522 हैं। महिलाओं के लिए आरक्षित रखे गए किसी भी वार्ड में महिलाओं की संख्या पुरुषों की संख्या से अधिक नहीं है।

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कनीना  पालिका छह मई 1954  में अस्तित्व में आई ¨कतु इससे पूर्व भी कनीना  स्माल टाउन कमेटी(एसटीसी) का दर्जा मिला हुआ था जिसके प्रधान मेजर भवानी ¨सह होते थे। वर्ष 1977-78  में इसे नोटिफाइड  एरिया कमेटी (एनएसी) का दर्जा मिला तथा 1972 के विधानसभा चुनावों के बाद तक कनीना  विधानसभा क्षेत्र रहा तब तक इसे एनएसी  का दर्जा ही मिला रहा। वर्ष 1987  में नगरपालिका का दर्जा मिला है। कनीना  पालिका को वर्ष 2000  में भंग करने के बाद इसे पंचायत का दर्जा दे दिया था। इसके बाद आंदोलन किया गया। इस पर फिर पालिका का दर्जा दिया गया था। पालिका में वर्ष 2000  के बाद आज तक 17  वर्षो में कोई भी पुरुष प्रधान नहीं बन सका है।


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