पीकेसीसी योजना आत्मनिर्भर और खुशहाल बनने में मददगार
पशुपालन विभाग के सतनाली प्रभारी चिकित्सक डॉ. विनोद श्योराण ने किसानों को खेती के साथ पशुधन भी रखने को कहा है।
संवाद सहयोगी, सतनाली : पशुपालन विभाग के सतनाली प्रभारी चिकित्सक डॉ. विनोद श्योराण ने किसानों से आग्रह किया है कि वे खेती के साथ-साथ पशुधन व्यवसाय को बढ़ावा दें ताकि उनकी आर्थिक स्थिति और ज्यादा मजबूत हो सके। सरकार द्वारा पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू किया गया है। पशुपालकों के लिए पशु किसान क्रेडिट कार्ड योजना लागू की गई है। इस योजना का भी किसान ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं। डॉ. विनोद शुक्रवार को सतनाली पशु चिकित्सालय में आयोजित किए गए पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड शिविर में पशुपालकों को योजना की जानकारी दे रहे थे। शिविर में खंड के गांवों के किसानों ने कार्ड बनवाने के लिए अपना पंजीकरण करवाया।
पशु किसान कार्ड की मुख्य विशेषताएं :
पशु किसान क्रेडिट कार्ड धारक द्वारा एक लाख 60 हजार रुपये तक की राशि बिना कुछ गिरवी रखे किसी भी बैंक से ली जा सकती है। इससे अधिक होने पर कोलेटरोल सिक्योरिटी जरूरत पड़ती है। सभी बैंकों द्वारा कार्ड धारक को सालाना 7 प्रतिशत साधारण ब्याज दर पर ऋण दिया जाएगा। इस 7 प्रतिशत ब्याज दर में से समय पर भुगतान करते रहने पर सरकार की ओर से 3 प्रतिशत दर का अनुदान तीन लाख रुपये तक की ऋण राशि पर दिया जाता है। इस प्रकार इस वर्ष कार्ड धारक द्वारा तीन लाख रुपये तक का ऋण 4 प्रतिशत सालाना साधारण ब्याज दर पर कुछ गिरवी रख कर लिया जा सकता है और 1.6 लाख रुपये तक बिना कोलेटरोल सिक्योरिटी के ले सकता है। इसके अतिरिक्त तीन लाख रुपये से अधिक बकाया राशि का ऋण 12 प्रतिशत सालाना साधारण ब्याज की दर पर लिया जा सकता है। उन्होंने बताया कि यदि किसी पीकेसीसी धारक द्वारा लिया गया ऋण एक साल की समयावधि के दौरान वापिस जमा नहीं करवाया जाता तो उसे 12 प्रतिशत सालाना ब्याज की दर से भुगतान करना होगा और वह जब तक इसका भुगतान नहीं कर देता तब तक वह अपनी लिमिट के हिसाब से आगामी राशि नहीं निकाल पाएगा। इस राशि का भुगतान करने के उपरांत वह फिर से आगामी 1 साल के लिए ऋण लेने का हकदार हो जाएगा।
कार्ड के लिए आवश्यक दस्तावेज :
बैंक प्रारूप अनुसार आवेदन फार्म, हाइपोथिकेशन करार, केवाइसी पहचान हेतु दस्तावेज जैसे वोटर कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि या अन्य दस्तावेज बैंक की मांग अनुसार। शिविर में डॉ. भारतेंदु, वीएलडीए राहुल, पशु सहायक गोपीराम, संतोष कुमार, नवीन, हरिसिंह, ईश्वर सिंह, दिनेश कुमार, गोपाल, राजेश व नरेंद्र आदि उपस्थित थे।