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पर्यावरणीय उत्प्रेरण वैज्ञानिकों के लिए उभरता हुआ साधन: प्रो.कोलार

नॉर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी रालेघ संयुक्त राज्य अमेरिका में जैविक और कृषि अभियांत्रिकी विभाग से प्रो. प्रवीण कोलार ने कहा कि पर्यावरणीय उत्प्रेरण वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों के लिए एक उभरता हुआ साधन है। ये हानिकारक पर्यावरणीय प्रदूषकों को नियंत्रित व शुद्ध करते हैं। प्रो.कोलार हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि), महेंद्रगढ़ के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा पर्यावरण उत्प्रेरण के सिद्धांत'विषय पर आयोजित दस दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में बतौर बोल रहे थे।। इस कार्यशाला का आयोजन मानव संसाधन विकास मंत्रालय की योजना ग्लोबल इनीशियेटिव फॉर अकेडमिक नेटवर्क (ज्ञान) के तहत किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Aug 2018 07:17 PM (IST)Updated: Wed, 08 Aug 2018 07:17 PM (IST)
पर्यावरणीय उत्प्रेरण वैज्ञानिकों के लिए उभरता हुआ साधन: प्रो.कोलार
पर्यावरणीय उत्प्रेरण वैज्ञानिकों के लिए उभरता हुआ साधन: प्रो.कोलार

जागरण संवाददाता, महेंद्रगढ़

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नॉर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी रालेघ संयुक्त राज्य अमेरिका में जैविक और कृषि अभियांत्रिकी विभाग से प्रो. प्रवीण कोलार ने कहा कि पर्यावरणीय उत्प्रेरण वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों के लिए एक उभरता हुआ साधन है। ये हानिकारक पर्यावरणीय प्रदूषकों को नियंत्रित व शुद्ध करते हैं। प्रो.कोलार हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेंवि), महेंद्रगढ़ के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा पर्यावरण उत्प्रेरण के सिद्धांत'विषय पर आयोजित दस दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में बतौर बोल रहे थे।। इस कार्यशाला का आयोजन मानव संसाधन विकास मंत्रालय की योजना ग्लोबल इनीशियेटिव फॉर अकेडमिक नेटवर्क (ज्ञान) के तहत किया जा रहा है।

कार्यशाला का उद्घाटन विश्वविद्यालय के शैक्षणिक अधिष्ठाता प्रो. बीर ¨सह व स्कूल ऑफ लाइफ सांइसेज के अधिष्ठाता डॉ. कश्यप कुमार दुबे ने किया। इस अवसर पर बोलते हुए प्रो. बीर ¨सह ने कहा कि संसाधनों के बेहतर उपयोग एवं पर्यावरण हितैषी वस्तुओं का उपयोग करके जीवन स्तर को ऊँचा उठाने में उत्प्रेरण की विशेष भूमिका है। पर्यावरण विज्ञान के प्रभारी डॉ. सोमवीर बजाड़ ने कहा कि औद्योगीकरण एवं शहरीकरण के कारण पर्यावरण में प्रदूषण एवं कचरा बहुत तेजी से बढ़ रहा है तथा संसाधन दिन प्रति दिन घटते जा रहे हैं। अब वह समय आ गया है जब हमें कचरे का उपयोग संसाधन के रूप में करें ताकि पर्यावरण भी सुरक्षित रहे और हमारी आवश्यकताएं भी पूरी होती रहें। उन्होंने कहा कि 17 अगस्त तक चलने वाले ज्ञान कार्यक्रम के आगामी सत्रों में उत्प्रेरक के माध्यम से विभिन्न स्त्रोतों से प्रदूषित जल को शुद्ध करने पर चर्चा की जाएगी। कार्यशाला में विश्वविद्यालय के स्टाफ व विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।


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