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प्रस्तावित लीड...सिरदर्द बने अंडरपास, प्रशासन की पहल पर भी नहीं बनी ठोस कार्यनीति

शहर की सीमा से सटे गांवो के ग्रामीण को सुविधा प्रदान करने के लिए बनाए गये रेलवे अंडरपास ही मुसिबत बन रहे है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Aug 2018 07:34 PM (IST)Updated: Thu, 30 Aug 2018 07:34 PM (IST)
प्रस्तावित लीड...सिरदर्द बने अंडरपास, प्रशासन की पहल पर भी नहीं बनी ठोस कार्यनीति
प्रस्तावित लीड...सिरदर्द बने अंडरपास, प्रशासन की पहल पर भी नहीं बनी ठोस कार्यनीति

जागरण संवाददाता, नारनौल:

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शहर की सीमा से सटे गांवों के ग्रामीणों को सुविधा प्रदान करने के लिए बनाए गए रेलवे अंडरपास ही असुविधा पैदा कर रहे है। पचास से अधिक गांवों के ग्रामीणों के लिए यह अंडरपास सिरदर्द बन गए हैं। नारनौल से अटेली तक छह अंडरपास बने हैं। हल्की बारिश में ही सभी अंडरपास तालाब में तब्दील हो जाने से न केवल शहर दो भागों में विभाजित हो जाता है बल्कि गांव शहर से पूरी तरह कट जाते हैं। हालांकि नारनौल शहर में बारिश कम हुई है फिर भी एक बार की तेज बारिश का पानी भी अभी तक नहीं सूख पाया है। अटेली के पास बने अंडरपास में तो अभी तक पानी जमा होने से लोग पटरी पार करने को मजबूर हैं।

नारनौल शहर में इस बार एक बार ही तेज बारिश हुई है। करीब एक महीने पहले हुई इस बारिश के एक महीने बाद भी हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। जिला उपायुक्त डॉ.गरिमा मित्तल ने तत्कालीन बिगड़े हालात के मद्देनजर रेलवे के अधिकारियों से बात की थी। इसके बाद अतिरिक्त उपायुक्त की मौजूदगी में नगर परिषद प्रधान भारती सैनी, अधिशाषी अधिकारी अभे¨सह की रेलवे के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। इस बैठक में रेलवे ने सभी अंडरपास में टीन शेड व जनरेटर लगवाने का आश्वासन दिया था, लेकिन एक महीने बाद भी इसकी क्रियान्विति नहीं हो पाई है। रेलवे की टीम को यहां आकर मौका मुआयना करना था, लेकिन टीम अभी तक नहीं आई है। ऐसे में इस दौरान आई बूंदाबांदी से ही हालात बदतर होने लगे हैं। बजाड़-गनियार के अंडरपास में पानी से दो गांव कटे

संवाद सहयोगी, मंडी अटेली:

क्षेत्र में आई बारिश से बजाड़ व गनियार के बीच बने अंडरपास की हालत बदतर है। यहां पानी भरने से करीब 20 हजार की आबादी का आवागमन कट हो गया है। अंडरपास में इतना अधिक पानी जमा है कि वाहन इसमें से नहीं निकल सकते। बजाड़ गांव की सरपंच सरोज व गनियार गांव की सरपंच बीना देवी ने बताया कि जब से रेलवे अंडर पास बनाए गए हैं। ग्रामीण बुरी तरह परेशान है। बारिश आते ही इनमें पानी खड़ा हो जाता है। समस्या के बारे में प्रशासन व अंडरपास बनाने वाली कंपनी को बताया जा चुका है लेकिन समस्या समाधान के कोई उपाय नहीं किए गए हैं। हालात यह है कि बीमार व्यक्ति डाक्टर तक नहीं पहुंच सकते। लोग पैदल चलकर रेलवे पटरी से ऊपर से रास्ता पार करते हैं। वर्जन:

रेलवे के अधिकारियों ने अंडरपासों में जनरेटर व टीनशेड लगाने पर सहमति जताई थी। साथ ही टीम आनी थी, लेकिन कोई भी काम नहीं हो पाया है। बारिश नहीं आने से अधिकांश अंडरपास का पानी खुद सूख गया है।

-भारती सैनी, चेयरमैन, नगर परिषद, नारनौल हमने रेलवे को दो अंडरपास के बीच एक ओवरब्रिज बनाने का प्रस्ताव दिया है। रेलवे को इस पर विचार करना है। जिला प्रशासन की ओर से हर हालात से निपटने के पूरे इंतजाम हैं।

-डॉ.गरिमा मित्तल, जिला उपायुक्त, नारनौल


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