शराब व रजिस्ट्री घोटाले की हो निष्पक्ष जांच
कोरोना महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन में प्रदेश में हुए शराब एवं रजिस्ट्री घोटाले को लेकर बृहस्पतिवार को कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लघु सचिवालय में विरोध प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, नारनौल : कोरोना महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन में प्रदेश में हुए शराब एवं रजिस्ट्री घोटाले को लेकर बृहस्पतिवार को कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लघु सचिवालय में विरोध प्रदर्शन किया। एसडीएम शंभू राठी के माध्यम से राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा। प्रदर्शन की अध्यक्षता पूर्व मंत्री राव नरेंद्र सिंह ने की। वहीं कांग्रेस विधायक राव दानसिंह व पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह भी मुख्य रूप से उपस्थित थे।
पूर्व मंत्री राव नरेंद्र सिंह ने कहा कि मौजूदा गठबंधन सरकार में लगातार घोटाले हो रहे हैं। शराब व रजिस्ट्री का घोटाला इतना बड़ा है कि लाख कोशिश के बाद भी सरकार इसे दबा नहीं पाई। सरकार पूरे शराब घोटाले को अधिकारियों पर डालने की कोशिश कर रही है। ऐसे में जरूरी है कि इसकी जांच हाईकोर्ट के जज, सीबीआइ या जेपीसी की तरह विधानसभा की कमेटी बनाकर करवाई की जाए। कांग्रेस शासनकाल के दौरान ग्राम पटीकरा में बने बाबा खेतानाथ आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज व अस्पताल का भवन बन कर तैयार है। मगर पिछले छह सालों में प्रदेश सरकार उसमें कक्षाएं तक शुरू नहीं करवा पाई है। वहीं कांग्रेस समय में बना नारनौल बाइपास ज्यों का त्यों है।
महेंद्रगढ़ के विधायक राव दानसिंह ने कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन के बीच शराब घोटाला में कई करोड़ की शराब बिक्री हुई। इसकी तस्करी की परतें खुलती जा रही हैं। पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह ने कहा कि प्रदेश में शराब और रजिस्ट्री घोटाले के अलावा चावल घोटाले को भी अंजाम दिया गया। सरकार राइस मिलरों को कांट्रेक्ट के तहत धान उपलब्ध कराती है। मिलरों को इसका चावल निकालकर सरकार को देना होता है। यह कुल धान का करीब 67 फीसद होता है, लेकिन सरकार को कम मात्रा में चावल जमा करवाया गया और बड़ा गोलमाल कर घोटाला किया गया। कृष्ण राव ने कोरोना काल में सरकार से बेरोजगार युवाओं को आर्थिक सहायता की मांग की। उन्होंने कहा कि रेलवे सहित अन्य सरकारी क्षेत्रों की रोजगार देने वाली कंपनियों का निजीकरण किया जा रहा है। इसका नुकसान युवा वर्ग को उठाना पड़ेगा। इस अवसर पर सूरज बोहरा, स्वर्णकोर उर्फ छन्नी, रूपेंद्र कौर, कौशल्या सांवरिया, राजाराम गोलवा, सतपाल दहिया, भूपसिंह, सुरेंद्र नंबरदार, प्रवीण चौधरी, अनिल सैनी, प्रदीप जेलदार व नन्दलाल सैनी आदि मौजूद थे।