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विद्यार्थी कच्चे घड़े के समान, बेहतर बनाना शिक्षकों का दायित्व : गौरिया

संवाद सहयोगी, कनीना शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर सुरेश कुमार गौरिया ने कहा कि विद्यार्थी ए

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 May 2017 07:17 PM (IST)Updated: Fri, 26 May 2017 07:17 PM (IST)
विद्यार्थी कच्चे घड़े के समान, बेहतर बनाना शिक्षकों का दायित्व : गौरिया

संवाद सहयोगी, कनीना

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शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर सुरेश कुमार गौरिया ने कहा कि विद्यार्थी एक कच्चे घड़े के समान होते हैं। उन्हें सुंदर, सजीला एवं बेहतर बनाना शिक्षक का दायित्व होता है। वह शिक्षक ही कक्षा कक्ष में सफल हो पाता है जो घर से अध्ययन करके आता है। गौरिया शुक्रवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना  में शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि जिन शिक्षकों रिजल्ट शत प्रतिशत रहा है वे धन्यवाद के पात्र हैं ¨कतु जिनका रिजल्ट कमजोर रहा है उन्हें प्रयास करके बेहतर परिणाम लाने चाहिए। डिप्टी डायरेक्टर ने कार्यक्रम के बाद कनीना  मंडी स्थित राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का दौरा भी किया। इस मौके पर प्राचार्य अनिल कुमार, प्रवक्ता महेश कुमार, प्रवक्ता अशोक कुमार, राजेश कुमार शास्त्री ने भी अपने विचार रखे। इस मौके पर अशोक पैकन, प्रवक्ता गुलाब ¨सह, ई‌र्श्वर ¨सह, सुनील कुमार बिसोहा, अमरजीत ¨सह, सुनील शर्मा, सुरेश कुमार यादव सहित समस्त स्टाफ मौजूद था। प्रारंभ में सुरेश कुमार शर्मा, सुनील कुमार प्रवक्ता, सुरेश कुमार यादव, राजेश कुमार शास्त्री आदि ने डिप्टी डायरेक्टर का स्वागत किया।

इनका किया सम्मान:

डिप्टी डायरेक्टर गौरिया ने गणित के प्रवक्ता सुनील कुमार, संस्कृत प्रवक्ता रमन  शास्त्री, रसायन शास्त्र के प्रवक्ता सतीश कुमार, इतिहास के प्रवक्ता महेश कुमार, अंग्रेजी के प्रवक्ता अनिल कुमार, राजनीतिशास्त्र के प्रवक्ता सुरेश कुमार शर्मा, ¨हदी के प्रवक्ता अशोक कुमार, कला शिक्षिका हेमलता, भौतिकी के प्रवक्ता संजय, ¨हदी की प्रवक्ता नीना  यादव, ¨हदी प्राध्यापिका सुमित्रा, विज्ञान के अध्यापक एचएस  यादव, पीटीआई  बलजीत ¨सह एवं संजय कुमार को सम्मानित किया।

परीक्षा से जाना बच्चों का बौद्धिक स्तर:

डिप्टी डायरेक्टर सुरेश कुमार गौरिया ने कक्षा छह से आठ तक स्किल  पासबुक के तहत बौद्धिक स्तर की लिखित परीक्षा का आयोजन करवाया। इसमें मौके पर ही मार्किंग  करवाते हुए बच्चों के ज्ञान एवं कौशल की दक्षता के बारे में जाना। उन्होंने विभिन्न कक्षाओं में स्वयं जाकर प्रश्न  किए और उत्तर नहीं देने पर शिक्षकों को हिदायत दी। तत्पश्चात उन्होंने समस्त स्टाफ की बैठक लेकर शिक्षकों की समस्याएं जानी तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिए।


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