योग है एक संपूर्ण जीवन जीने की कला : चंद्रपाल
जागरण संवाददाता कुरुक्षेत्र कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के चीफ वार्डन प्रो. चंद्रपाल ने कहा कि वर्तमान युग में भारतीय योग संस्थान लोगों को योगिक क्रियाएं कराकर सराहनीय प्रयास कर रहा है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के चीफ वार्डन प्रो. चंद्रपाल ने कहा कि वर्तमान युग में भारतीय योग संस्थान लोगों को योगिक क्रियाएं कराकर सराहनीय प्रयास कर रहा है। योग एक संपूर्ण जीवन जीने की कला है। उन्होंने सभी लोगों को योग के प्रचार-प्रसार एवं निरंतर प्रयास करने का आह्वान किया।
वे भारतीय योग संस्थान थानेसर इकाई के 53वें स्थापना दिवस पर बुधवार सुबह ब्रह्मासरोवर के उतरी पूर्व घाट पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। समारोह का मुख्यातिथि प्रो. चंद्रपाल, मंजीत बेदी, सुरेश कुमार, हरिराम जोशी एवं कमला देवी ने दीप प्रज्ज्वलन से किया। इसके बाद सरस्वती वंदना की गई। समारोह में आसनों का अभ्यास देवीदयाल, रामकरण शर्मा, सुरेंद्र शर्मा, मिथलेश एवं कमलेश ने कराया। शांत कौशिक ने श्वासन एवं सिंहासन कराया। साधक विनोद वर्मा ने अनुलोम-विलोम और भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास कराया। साथ ही योगेश कुमार ने हंसने की क्रियाएं कराई। ध्यान का अभ्यास सुदेश अरोड़ा ने कराया। इस दौरान साधिका कमला ने योग गीत एवं मिथलेश चौधरी ने भक्ति गीतों से सभी को भावविभोर किया। संरक्षक गोबिदलाल सेतिया ने योग पद्धति को सर्वश्रेष्ठ बताते हुए कहा कि योग साधना प्रतिदिन करनी चाहिए। प्रधान मान सिंह ने कहा कि कुरुक्षेत्र इकाई ने शाहाबाद, लाडवा, पिहोवा, धुराला और करनाल में जाकर योग केंद्रों को आरंभ किया। अब गांव में भी योग शिविर लगाने की योजना बनाई जा रही है। इस मौके पर संस्थान की पद्घति एवं वेदमंत्रों के साथ कई साधक-साधिकाओं का जन्मदिवस भी मनाया गया। समारोह में फतेह सिंह, नीलम शर्मा, धर्मबीर, फूल सिंह, चतर सिंह, रमेश शर्मा, जगबीर सागवान, सीमा और गुलशन ग्रोवर मौजूद रहे।