गुरुकुल कुरुक्षेत्र में हर्षोल्लास से मनाया गया माता पृथ्वी दिवस
जागरण संवाददाता कुरुक्षेत्र गुरुकुल कुरुक्षेत्र में माता पृथ्वी दिवस पर अप्रवासी भारतीय एवं प्रख्यात वक्ता डॉ. नरेंद्र परमार ने छात्रों को जीवन में लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण बातें सांझा की।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : गुरुकुल कुरुक्षेत्र में माता पृथ्वी दिवस पर अप्रवासी भारतीय एवं प्रख्यात वक्ता डॉ. नरेंद्र परमार ने छात्रों को जीवन में लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण बातें सांझा की। उन्होंने गुरुकुल के संस्कारों को सदैव सहेज कर रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने गुरुकुल को नवस्वरूप प्रदान कर नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाले हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत का आभार जताया।
डॉ. नरेंद्र परमार ने कहा कि विश्व पृथ्वी दिवस महज एक मनाने का दिन नहीं है। इस बात के चितन-मनन का दिन है कि हम कैसे अपनी वसुंधरा को बचा सकते हैं। धरती को बचाने में ऐसे कई तरीके हैं जिसे हम अकेले और सामूहिक रूप से अपनाकर योगदान दे सकते हैं। हर दिन को पृथ्वी दिवस मानकर उसके संरक्षण के लिए कुछ न कुछ करते रहना चाहिए, लेकिन अपनी व्यस्तता में व्यस्त इंसान यदि विश्व पृथ्वी दिवस के दिन ही थोड़ा बहुत योगदान दे तो धरती के ऋण को उतारा जा सकता है। गुरुकुल के छात्रों ने भाषण, कविता व गीतों के माध्यम से पृथ्वी दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला गया। गुरुकुल के निदेशक व प्राचार्य कर्नल अरुण दत्ता ने कहा कि 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस पहली बार सन 1970 में मनाया गया था। इसका उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाना हैं। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम पृथ्वी माता को प्रदूषण व गंदगी से मुक्त रखें और जहां तक संभव हो किसी भी प्रकार का प्रदूषण न करें। अंत में गुरुकुल के प्रधान कुलवंत सैनी, प्राचार्य कर्नल अरुण दत्ता एवं सह प्राचार्य शमशेर सिंह ने मुख्यातिथि डॉ. नरेंद्र परमार का गुरुकुल पहुंचने पर स्वागत किया। इस मौके पर मुख्य संरक्षक संजीव आर्य, दिनेश राणा, रामनिवास उपस्थित रहे।