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हरियाणवी धरोहर व संस्कृति को नजदीक से देखकर अभिभूत हुईं मेहमान

स्वच्छ शक्ति-2019 कार्यक्रम के लिए पहुंची महिलाओं ने कुरुक्षेत्र में धरोहर का भ्रमण किया। वह हरियाणा के लोगों की मेहमानवाजी व हाजिर जवाबी से प्रभावित दिखीं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 09:07 PM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 09:31 AM (IST)
हरियाणवी धरोहर व संस्कृति को नजदीक से देखकर अभिभूत हुईं मेहमान

जेएनएन, कुरुक्षेत्र। छत्तीसगढ़ से पहुंची महिलाओं को हमारी हाजिर जवाबी अच्छी लगी। महिलाओं की लीडर और स्वच्छ शक्ति ग्रामीण की राज्य समन्वयक अभिलाषा आनंद ने बताया कि छत्तीसगढ़ में भी हरियाणा के चुटकुले सुने जाते हैं। जैसा हमने हरियाणा के बारे में सुना और हम मन में सोच कर आए थे, हरियाणा ठीक वैसे ही दिखा। हर कोई हर समय खुश केवल हरियाणा में ही रह सकता है। उन्होंने बताया कि हरियाणवी धरोहर और संस्कृति को देखने के बाद साफ हो गया कि हरियाणा के लोग इतने खुश और स्वस्थ क्यों हैं?

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कार्यक्रम में पहुंची स्वच्छ शक्ति ग्रामीण की छत्तीसगढ़ की ही राज्य सलाहकार कल्पना सिंह प्रज्ञा ठाकुर, किरण बारी, रानू ङ्क्षसह ने बताया कि वे कल ही यहां पहुंच गई थी। सोमवार को उन्होंने सभी धार्मिक स्थलों का भ्रमण किया। उन्होंने यहां की बोली, हरियाणवी संस्कृति, साफ सफाई, ग्रामीण रहन-सहन और स्वच्छता के तरीके अच्छी तरह से देखे। उन्होंने बताया कि हरियाणा के लोगो की मेहमानवाजी बेहतरीन लगी और उन्होंने हरियाणवी व्यंजनों का स्वाद भी चखा।

पगड़ी बंधवा हुईं खुश

दूसरे प्रदेशों की महिलाओं ने प्रदेश सरकार की ओर से पुरषोत्तमपुरा बाग में लगाए गए हरियाणवी पंडाल मे पगड़ी भी बंधवाई। उन्होंने इस दौरान पगड़ी बांधने वाले कलाकार हरिकेश पपोसा से पगड़ी के बारे में जानकारी भी ली और खूब फोटो खिंचवाए। महिलाओं ने सोमवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के धरोहर संग्रहालय का भ्रमण किया। इस मौके पर धरोहर संग्रहालय के क्यूरेटर डॉ. विवेेक चावला ने सभी का स्वागत किया और उन्हें धरोहर संग्रहालय की जानकारी दी।

देश भर से आई महिलाएं बोलीं- हट जा ताऊ पाछे नै, नाच्चण दे जी भर कै नै

गांव बीड़ सुजरा साफ-सुथरी छवि के कारण सोमवार को देश भर से आई करीब पांच हजार महिलाओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना। सोमवार को गांव का नजारा देखने लायक था। फूलों के गांव से मशहूर इस गांव के ग्रामीणों ने खेतों में उगाए फूलों से गांव के प्रवेश द्वार को उम्दा तकनीक से सजाया। गांव में पहुंची महिलाओं ने यहां लस्सी पी और स्थानीय महिलाओं के साथ 'हट जा ताऊ पाछे नै, नाच्चण दे जी भर कै नै' गीत पर खूब डांस किया।

प्रधानमंत्री के स्वच्छ शक्ति-2019 के विशेष कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न प्रोजेक्ट दिखाने की योजना है। बीड़ सुजरा के फाइव पौंड सिस्टम वाला तालाब और कचरा प्रबंधन महिलाओं को दिखाने का फैसला लिया गया। बीड़ सुजरा की महिलाओं ने विभिन्न राज्यों से आईं करीब पांच हजार महिलाओं को फूलमालाएं पहनाकर स्वागत किया और उन्हें छाछ (लस्सी) पिलाई।

उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, झारखंड सहित कई प्रदेशों से आई मेहमान महिलाओं ने भी अपने पारंपरिक लोक गीतों को नाच-गाकर गांव की महिलाओं का शुक्रिया अदा किया। बीड़ सुजरा की महिलाओं ने मेहमान महिलाओं से विचार साझा किए। एक दूसरे की सभ्यता एवं संस्कृति को समझने का प्रयास किया। बीड़ सुजरा की युवा महिला ग्राम सरपंच ज्योति सैनी ने बताया कि हमारा गांव स्वच्छता के मामले में पूरे जिले में प्रसिद्ध है। गलियां 22 से 24 फीट चौड़ी हैं। मुख्य व्यवसाय फूलों की खेती है। इसके चलते गांव को क्षेत्र में फूलों का माजरा भी कहा जाता है।

गांव को देख अच्छा लगा : हंसी कोटी

उत्तराखंड के सलिंग गांव की ग्राम प्रधान हंसी कोटी ने बताया कि उन्हें हरियाणा के बीड़ सुजरा गांव को देखकर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि वो भी अपने क्षेत्र में इसी तरह का विकास कार्य कराने के प्रयास करेंगी। गांव की फूलों की खेती ने बहुत प्रभावित किया है। फूलों की खुशबू ने उनका मन मोह लिया। मध्यप्रदेश के मुरैना जिला की अनीता और सुनीता ने कहा कि हरियाणा के गांवों में उन्हें बहुत प्यार मिला। उन्होंने जोरदार स्वागत के लिए गांव की सरपंच ज्योति सैनी व महिलाओं का आभार जताया है।

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