स्वस्थ तन के बिना मनुष्य का सर्वागीण विकास असंभव
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : मनुष्य तभी सुखी रह सकता है, जब उसका शरीर स्वस्थ हो। स्वस्थ शरीर के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना अत्यंत आवश्यक है। इससे शारीरिक सुखों के साथ-साथ मनुष्य को मानसिक संतुष्टि भी मिलती है और मन भी हमेशा उत्साहपूर्ण बना रहता है। अस्वस्थ व्यक्ति न अपना कल्याण कर सकता है और न ही अपने परिवार का। वह न समाज की उन्नति कर सकता है न देश की। स्वस्थ तन के बिना मनुष्य न तो देश की रक्षा कर सकता है और न अपनी मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति कर सकता है। जो लोग स्वास्थ्य रक्षा के लिए व्यायाम करते हैं वे जीवन भर स्वस्थ रहते हैं और वृद्धावस्था में भी उन्हें रोग नहीं सताते। बच्चों में फिटनेस की अलख जगाने के उद्देश्य से बाल विकास विद्या भारती हाई स्कूल में दैनिक जागरण की ओर संस्कारशाला का आयोजन किया गया।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : मनुष्य तभी सुखी रह सकता है, जब उसका शरीर स्वस्थ हो। स्वस्थ शरीर के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना अत्यंत आवश्यक है। इससे शारीरिक सुखों के साथ-साथ मनुष्य को मानसिक संतुष्टि भी मिलती है और मन भी हमेशा उत्साहपूर्ण बना रहता है। अस्वस्थ व्यक्ति न अपना कल्याण कर सकता है और न ही अपने परिवार का। वह न समाज की उन्नति कर सकता है न देश की। स्वस्थ तन के बिना मनुष्य न तो देश की रक्षा कर सकता है और न अपनी मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति कर सकता है। जो लोग स्वास्थ्य रक्षा के लिए व्यायाम करते हैं वे जीवन भर स्वस्थ रहते हैं और वृद्धावस्था में भी उन्हें रोग नहीं सताते। बच्चों में फिटनेस की अलख जगाने के उद्देश्य से बाल विकास विद्या भारती हाई स्कूल में दैनिक जागरण की ओर संस्कारशाला का आयोजन किया गया। दैनिक जागरण कर रहा है सामाजिक उत्थान के कार्य
स्कूल के निदेशक बाल कृष्ण ने दैनिक जागरण की इस पहल की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस मुहिम से विद्यार्थियों को बहुत लाभ होगा। सुखी जीवन के लिए स्वस्थ रहना आवश्यक है। एक स्वस्थ व्यक्ति ही जीवन का भरपूर आनंद उठा सकता है। अच्छे स्वास्थ्य की शुरुआत विद्यार्थी जीवन से ही की जानी चाहिए। आज जंक फूड व अव्यवस्थित दिनचर्या के कारण बच्चों का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। दैनिक जागरण का यह प्रयास समाजिक उत्थान में अहम भूमिका निभाएगा।
बाल कृष्ण, निदेशक, बाल विकास विद्या भारती हाई स्कूल कुरुक्षेत्र आजकल बच्चों में हो रहा है संस्कारों का अभाव
शिक्षिका रितिका ने कहा कि दैनिक जागरण की संस्कारशाला मुहिम प्रशंसनीय है। आजकल बच्चों में संस्कारों का अभाव देखा जा रहा है। वहीं बच्चे जंक फूड भी अधिक खाते हैं। बच्चों को अपने खाने में पौष्टिक पदार्थ अधिक लेने चाहिए। मुझे इस कार्यक्रम से काफी कुछ सीखने को मिला है। फिटनेस को लेकर अब और अधिक सचेत रहें। कहानी प्रेरणादायक है
शिक्षिका कविता ने कहा कि कार्यक्रम में फिटनेस मंत्र का असर नामक जो कहानी दी गई है। वह विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक है। फिटनेस पर पूरा ध्यान दिया चाहिए। अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्यायाम आवश्यक है। अभिभावकों के साथ विद्यार्थियों को भी व्यायाम करना चाहिए और फिटनेस पर ध्यान देना चाहिए। जंक फूड खाने से बचेंगे
शिक्षिका रिंकू ने कहा कि दैनिक जागरण में प्रकाशित कहानी में बताया गया है कि जंक फूड सेहत के लिए नुकसानदायक है। इससे बचना है। रेगुलर पार्क या ग्राउंड में व्यायाम करना है और सेहत को ठीक रखना है। बड़ों का कहना मानेंगे
छात्रा मुस्कान ने कहा कि संस्कारशाला कार्यक्रम बहुत अच्छा लगा। कहानी में झूठ न बोलने और सेहत के प्रति जागरूक रहने के बारे में अच्छे तरीके से बताया है। बच्चों को अपनों से बड़ों का कहना भी मानना चाहिए। कभी सुस्त नहीं रहना चाहिए। मोबाइल से दूर रहें बच्चे
छात्रा मोनिका ने कहा कि फिटनेस मंत्र कहानी बहुत अच्छी लगी। भाई-बहन के बीच हुई बातचीत में बताया गया है कि मोबाइल पर गेम खेलना बच्चों के लिए ठीक नहीं है। इससे पढ़ाई पर असर पड़ता है और ग्राउंड पर खेलना छूट जाता है। प्रेरणादायक लगी कहानी
छात्रा संतोष ने कहा कि कहानी बहुत प्रेरणादायक थी। यही सीख मिली कि वर्कआउट के लिए समय जरूर निकालना चाहिए। मैदान पर योग के साथ अन्य एक्सरसाइज करनी चाहिए। सेहत अच्छी रहेगी तभी विद्यार्थी सही तरीके से पढ़ाई कर सकेंगे। चरित्र निर्माण कर रहा जागरण
छात्रा बबिता ने कहा कि दैनिक जागरण का संस्कारशाला कार्यक्रम बहुत सराहनीय है। इससे बच्चों को संस्कारों की समझ मिलती है और चरित्र निर्माण होता है। कहानियों से संस्कारों की जो समझ मिलती है, वह जिंदगीभर की आदत बन जाती है। नियमित करें व्यायाम
छात्रा तनू ने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए हमें अपने खाने, पीने और सोने के लिए समय निर्धारित करना चाहिए, ऐसा करने से हमारे शरीर और मस्तिष्क पर अच्छा असर पड़ता है। फिट रहने के लिए यह जरूरी है कि हम नियमित व्यायाम करें। पढ़ाई के साथ दें खेल पर भी ध्यान
छात्रा कार्तिक ने कहा कि पढ़ाई के साथ हमें खेल पर भी ध्यान देना चाहिए। खेलने से हमारा शारीरिक विकास होता है। मन भी स्वस्थ रहता है। फिटनेस का यह मंत्र है कि हम खेलते-कूदते रहें और व्यायाम भी करते रहें। हमारा शरीर फिट रहेगा तो मानसिक विकास भी होगा।