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सरस्वती में 12 महीने चलेगा पानी, 2024 से पहले पूरी होगी योजना

सरस्वती नदी में 12 महीने पानी चलेगा। इसकी योजना को 2024 से पहले पूरा करने की तैयारी है। इसके साथ सरस्वती नदी में दूषित पानी नहीं डालने दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 07:23 PM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 07:23 PM (IST)
सरस्वती में 12 महीने चलेगा पानी, 2024 से पहले पूरी होगी योजना

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : सरस्वती नदी में 12 महीने पानी चलेगा। इसकी योजना को 2024 से पहले पूरा करने की तैयारी है। इसके साथ सरस्वती नदी में दूषित पानी नहीं डालने दिया जाएगा। बोर्ड ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी मन बना लिया है।

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हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धूमन सिंह किरमच ने वीरवार को सरस्वती नदी से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने योजना को लेकर विस्तार से चर्चा की और हर पहलू पर बारीकी के साथ चर्चा की। धूमन सिंह किरमच ने बताया कि वैदिक नदी सरस्वती शिवालिक पर्वत से निकलती है और आदिबद्री यमुनागर से मैदानों में प्रवेश करती है। यह हरियाणा में आदिबद्री से सिरसा तक बहती है। सरस्वती नदी के जीर्णोद्धार को लेकर सरकार बड़े प्रोजेक्ट की तैयारी में लगी है। डैम, बैराज और रिजर्व वायर का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा। सरस्वती नदी के प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए किसान भी अपनी जमीन तक दे रहे हैं। किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा दिया जा रहा है। लोगों में श्रद्धा का विषय है।

120 घाट और मंदिर

सरस्वती नदी के किनारे पर 120 घाट व मंदिर आते हैं। लोगों में सरस्वती नदी के प्रति श्रद्धा बढ़ी है। लोग अब सफाई में भी ध्यान दे रहे हैं। कूड़ा-कर्कट नदी में डालने से रोकते हैं। भाजपा सरकार के कार्यकाल में लोगों में सरस्वती नदी को लेकर श्रद्धा और जागरूकता बढ़ी है। स्कूली पाठ्यक्रम में भी सरस्वती नदी के इतिहास को पढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरस्वती नदी में 2024 से पहले पानी के लगातार बहाव शुरू कराने की तैयारी में हैं।

सरस्वती में 180 किमी. में जल का प्रवाह

सरस्वती नदी के 200 किलोमीटर के पहुंच क्षेत्र में से 180 किलोमीटर में जल का प्रवाह है। आज सरस्वती के साथ लगते 10 किलोमीटर क्षेत्र में किसान बहुत खुश हैं। क्योंकि जलस्तर बढ़ने से सरस्वती नदी किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। सरस्वती नदी के साथ लगते नदियों और नालों के बरसाती पानी को सरस्वती नदी में लेकर आएंगे। जिससे दोनों तरफ से किसानों को फायदा होगा। साथ लगते गांवों से निकलने वाले दूषित पानी को सरस्वती नदी में आने से रोका जाएगा। इसके लिए फाइव पौंड सिस्टम बनाए जाएंगे।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

धूमन सिंह किरमच ने बताया कि सरस्वती को पर्यटन की ²ष्टि से भी विकसित किया जा रहा है। यमुनागर के कपाल मोचन, आदिबद्री, कलेसर, सरस्वती उदगम स्थल और लोहागढ़ क्षेत्र का सरकार विकास कर रही है। इन सभी क्षेत्रों को बड़े स्तर पर कनेक्ट कर पर्यटन की ²ष्टि से विकसित किया जाएगा। आदिबद्री को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल का सपना आने वाले समय में पूर्ण होगा।


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