इसी गति से दोहन होता रहा तो जल संकट से जूझेंगे : डा. नवीन
भू-जल अटल योजना के तहत जिला कार्यान्वयन भागीदारी टीम ने डा. नवीन नैन की अगुवाई में अरनैचा व सारसा के सरकारी व निजी स्कूलों में सभा का आयोजन किया गया। जिसमें स्कूल के बच्चों को भूजल के महत्व के बारे में बताया और बच्चों ने जल को बचाने व व्यर्थ न बहने देने की शपथ ली।
संवाद सहयोगी, पिहोवा : भू-जल अटल योजना के तहत जिला कार्यान्वयन भागीदारी टीम ने डा. नवीन नैन की अगुवाई में अरनैचा व सारसा के सरकारी व निजी स्कूलों में सभा का आयोजन किया गया। जिसमें स्कूल के बच्चों को भूजल के महत्व के बारे में बताया और बच्चों ने जल को बचाने व व्यर्थ न बहने देने की शपथ ली। सारसा के आम लोगों के बीच में भी मीटिग में घटते भू-जल के बारे में सचेत किया।
डा. नवीन नैन ने कहा कि अगर इसी गति से जल का दोहन होता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ेगा। टीम के सदस्यों ने ग्रामीणों को भू-जल बचाने की और जलस्तर को बढ़ाने के सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी घरेलू कार्यों के लिए जिस तरह से जल का दुरुपयोग कर रही है। उन्हें भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी कि जब तक लोग जल बचाने के लिए दैनिक व्यवहार में बदलाव नहीं करते, तब तक पानी के व्यर्थ उपयोग को नहीं रोका जा सकता।
जल की एक-एक बूंद का उपयोग करें
उन्होंने कहा कि जल की हर एक बूंद का उपयोग सही तरीके से होना चाहिए, ताकि हम आगे वाली पीढि़यों के लिए जल भंडार को सुरक्षित रख सके। जल के ऊपर जितना अधिकार हमारा है उतना ही आने वाली पीढि़यों का भी है। जल के बिना जीवन संभव नहीं है। जल ऐसा संसाधन नहीं है। जिसे हम दोबारा पैदा कर सकते है, इसलिए जो जल भू-गर्भ में उपस्थित है, उसको ही हमें बचाना है और वर्षा व अन्य एकत्रित जल को भू-गर्भ तक पहुंचाना जरूरी है। इस मौके पर आइईसी अमरजीत मान, आइईसी एक्सपर्ट जसबीर सिंह, आइई एक्सपर्ट अजय, कृषि विशेषज्ञ रमन व इंजीनियर मोहित मौजूद रहे।