Move to Jagran APP

सब्जी उत्पादकों ने बागवानी विकास अधिकारी को बनाया बंधी

भावांतर योजना के तहत सर्वे करने के लिए गांव कलसानी में पहुंचे बागवानी विकास अधिकारी धर्मपाल को सब्जी उत्पादकों ने बंधक बना लिया। सब्जी उत्पादकों की मांग थी कि भावांतर योजना के तहत लगने वाली फसलों का सर्वे बागवानी विभाग से न करवा कर पटवारियों से कराया जाए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 06:37 AM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 06:37 AM (IST)
सब्जी उत्पादकों ने बागवानी विकास अधिकारी को बनाया बंधी

संवाद सहयोगी, शाहाबाद : भावांतर योजना के तहत सर्वे करने के लिए गांव कलसानी में पहुंचे बागवानी विकास अधिकारी धर्मपाल को सब्जी उत्पादकों ने बंधक बना लिया। सब्जी उत्पादकों की मांग थी कि भावांतर योजना के तहत लगने वाली फसलों का सर्वे बागवानी विभाग से न करवा कर पटवारियों से कराया जाए। इसी मांग को लेकर बागवानी विकास अधिकारी को चार घंटे तक बंधक बनाए रखा। सूचना पर तहसीलदार व थाना प्रभारी के मौके पर पहुंचने व सब्जी उत्पादकों की मांग आलाधिकारियों को भेजने के बाद बंधक को रिहा किया गया। जानकारी के मुताबिक बागवानी विकास अधिकारी धर्मपाल गांव कलसानी में उन किसानों के खेतों में आलू व गोभी की फसल का सर्वे करने के लिए पहुंचे थे, जिन्होंने भावांतर योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है। विकास अधिकारी धर्मपाल ने बताया कि गांव में पहुंचते ही उसे बंधक बना लिया गया। सब्जी उत्पादकों का नेतृत्व करते हुए जसबीर ¨सह ने कहा कि बागवानी विकास अधिकारियों के पास रेवेन्यू व किसानों की जमीन का किसी तरह का कोई रिकार्ड नहीं होता और दूसरा यह अधिकारी किसानों को बिना सूचना के गांव में पहुंच जाते हैं। जिस कारण अधिकतर किसान खेत में खड़ी फसल के साथ फोटो ¨खचवाने से रह जाते हैं। इनके पास जमीन का रिकार्ड न होने से औपचारिकताएं पूरी नहीं होती। जिस कारण सब्जी उत्पादकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जसबीर ¨सह ने कहा कि उन्हें अपनी फसल का रजिस्ट्रेशन कराने के लिए 15 सौ रुपये प्रति फसल पर देना पड़ता है और गांव में आने वाले बागवानी अधिकारी को फर्द दिखानी पड़ती है और फर्द के लिए उन्हें राशि खर्च करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि इस तरह से उन्हें चार फसलों पर करीब 6 हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं। सब्जी उत्पादकों ने कहा कि भावांतर योजना का लाभ मिलना है या नहीं लेकिन किसानों का आर्थिक नुकसान जरूर हो जाता है। जसबीर ¨सह ने कहा कि हर बार अज्ञात व्यक्ति को सर्वे के लिए भेजा जाता है जिसे उस गांव व किसान के बारे में पूरा ज्ञान नहीं होता। जिस पर बागवानी विकास अधिकारी को बंधक बनाया गया और मांग की गई जब तक कोई बड़ा अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचता तो वह बंधक को रिहा नहीं करेंगे। जिस पर तहसीलदार व थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे। सब्जी उत्पादकों ने मांग की कि भावांतर योजना के तहत फसलों के सर्वे की जिम्मेदारी पटवारियों को लगाई जाए। तहसीलदार ने सब्जी उत्पादकों को आश्वासन दिया कि वह सब्जी उत्पादकों की मांग आलाधिकारियों को भेज देंगे। इस आश्वासन के बाद बागवानी विकास अधिकारी धर्मपाल को बंधक मुक्त किया गया। चार घंटे रहा बंधक : धर्मपाल

loksabha election banner

बागवानी विकास अधिकारी धर्मपाल ने कहा कि वे सर्वे के लिए गांव कलसानी पहुंचा थे। फिलहाल आलू व गोभी का सर्वे चल रहा है और टमाटर व प्याज की रजिस्ट्रेन तिथि 15 फरवरी से शुरू होगी। उन्हें चार घंटे तक बंधक बनाए रखा। हालांकि उन्हें किसी तरह बांधा नहीं गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.