कुवि के यूआइईटी में डिफेंस टेक्नोलाजी इंजीनियरिग में मास्टर डिग्री, युवाओं की थी मांग
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का यूआइईटी संस्थान भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर डिफेंस टेक्नोलाजी इंजीनियरिग में मास्टर डिग्री करवाएगा।
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जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय का यूआइईटी संस्थान भारत सरकार के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर डिफेंस टेक्नोलाजी इंजीनियरिग में मास्टर डिग्री करवाएगा। डिफेंस टेक्नोलाजी की यह डिग्री युवाओं को रोजगार, उद्यम लगाने एवं आत्मनिर्भर भारत की तरफ बढ़ने में सहयोग प्रदान करेगी।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के डीन इंजीनियरिग एंड टेक्नोलाजी एवं यूआइईटी निदेशक प्रोफेसर सीसी त्रिपाठी ने बताया कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद एवं डीआरडीओ के साथ समझौते के बाद एआइसीटीई के दिशा-निर्देश के अनुसार 24 विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष दाखिला दिया जाएगा। इसके लिए नई दिल्ली अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् ने इसकी मान्यता भी दे दी है। प्रोफेसर त्रिपाठी ने यह भी बताया कि संस्थान में हुई बोर्ड आफ स्टडी की मीटिग में इसका सिलेबस और स्कीम भारत सरकार के डीआरडीओ विभाग के माध्यम से तैयार की गई गाइडलाइन के अनुसार होगा।
ब्लेंडिड मोड में चलेगा कोर्स
यूआइईटी की यूजी एवं पीजी की बोर्ड आफ स्टडीज की बैठक में 24 जुलाई की बैठक में इस प्रोग्राम को ब्लेंडिड मोड में चलाने का निर्णय लिया गया है। इस प्रोग्राम के विषय संस्थान के शिक्षक एवं डिफेंस लैब के वैज्ञानिक पढ़ाएंगे।
बैठक की संयोजिका डा. रीटा दहिया ने बताया कि इस कोर्स से जहां संस्थान को फायदा होगा। वहीं भारत सरकार के रक्षा क्षेत्र में तकनीक को अधिक से अधिक मजबूत किया जा सकेगा। इसमें चार सेमेस्टर के साथ 80 क्रेडिट बेस पर आधारित होगा। डा. रीटा ने बताया कि इसमें स्पेशलाइजेशन विषय जो कांबेट व्हीकल इंजीनियरिग, एयर स्पेस टेक्नोलाजी, नेवल टेक्नोलाजी, कम्युनिकेशन एंड सेंसर टेक्नोलाजी, डायरेक्टेड एनर्जी टेक्नोलाजी, हाई एनर्जी मैटीरियल टेक्नोलाजी पर आधारित होगा। इसके लिए 2021 से 2022 सत्र दाखिले के लिए यूआइईटी संस्थान ने सभी प्रकार की तैयारियां पूरी कर ली हैं। हरियाणा में कुरुक्षेत्र एक मात्र ऐसा विश्वविद्यालय होगा जिसमें डिफेंस टेक्नोलाजी में इंजीनियरिग की मास्टर डिग्री हो पाएगी।