ब्रह्मसरोवर पर पानी को तरस रहे पर्यटक
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : प्रदेश सरकार ब्रह्मसरोवर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकाने क
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :
प्रदेश सरकार ब्रह्मसरोवर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकाने का दावा कर रही है, मगर पर्यटकों को यहां पर पीने के लिए पानी भी नसीब नहीं हो रहा है। ब्रह्मसरोवर के चारों ओर बाहरी दिशा में एक भी वाटर कूलर नहीं है। पूर्वी तट पर बसों का ठहराव होता है, वहां पर पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं है। ज्यादातर वाटर कूलर ब्रह्मसरोवर की भीतरी दिशा में है। इनमें से कुछ खराब पड़े हैं तो कुछ को उतार कर रखा हुआ है। केडीबी कार्यालय के नजदीक बाहरी ओर वाटर कूलर था, जिसे पिछले एक सप्ताह पहले उतार कर स्टोर में पहुंचा दिया गया है।
साल भर में देश विदेश से ब्रह्मसरोवर व सन्निहित सरोवर पर आने वाले लाखों पर्यटकों के लिए पेयजल की मुकम्मल व्यवस्था नहीं है। कहने को दोनों ही सरोवर पर सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं द्वारा 10 से भी ज्यादा वाटर कूलर लगाए हैं, लेकिन देखरेख के अभाव में ये वाटर कूलर पर्यटकों के लिए महज भ्रम बनकर रह गए हैं। इक्का-दुक्का छोड़कर बाकी के वाटर कूलर चालू हालत में नहीं है। केडीबी समाजसेवियों द्वारा लगाए गए वाटर कूलरों की मरम्मत तक नहीं करा रहा, जिसकी वजह से यहां आने वाले पर्यटकों को पेयजल भी नसीब नहीं होता। ऐसे में या तो उन्हें पानी मोल खरीदकर पीना पड़ता है या फिर टंकियों का गर्म पानी पीना पड़ता है।
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पेयजल सुविधा अच्छी नहीं
यहां पीने के पानी की सुविधा ज्यादा अच्छी नहीं है। ठंडे पानी के लिए वाटर कूलर तो लगाए गए हैं, लेकिन वे नहीं चल रहे है। उनमें से गर्म पानी ही आ रहा है, जो पीने लायक नहीं है। इतनी गर्मी में पानी थोड़ा शीतल तो होना चाहिए, जिसे लोग पी सके। मगर यहां के प्रशासन द्वारा पीने के लिए कोई अच्छी व्यवस्था नहीं कर रखी। प्रशासन को चाहिए कि पेयजल की उचित व्यवस्था करे।
प्रेम, पर्यटक, राजस्थान
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पीने को नहीं मिलता ठंडा पेयजल
बाहर से आने वाले लोगों के लिए क्या यहां तो दुकानदारों को भी पीने के लिए पानी नसीब नहीं होता। जो पानी की टंकिया सड़क के किनारे रखी हुई है वे पता नहीं कब से साफ नहीं हुई। दुकानदारों को पीने के पानी के लिए कैंपर मंगाना पड़ता है, लेकिन यहां शीतल जल की किल्लत इतनी है कि पर्यटकों का जमावड़ा लग जाता है, जिसके कुछ ही देर बाद पानी का कैंपर खाली हो जाता है।
गुरदेव ¨सह, दुकानदार
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जहां सबसे ज्यादा बसें रुकती वहां दूर तक वाटर कूलर नहीं
ब्रह्मसरोवर पर पूर्व दिशा की तरफ सबसे ज्यादा पर्यटकों की बसें आकर रुकती हैं, लेकिन यहीं पर दूर-दूर तक पीने के लिए कोई वाटर कूलर नहीं लगाया गया। यहां से पर्यटकों को ब्रह्मसरोवर के दूसरे किनारे पर पेयजल के लिए भटकना पड़ता है। ब्रह्मसरोवर की परिक्रमा करीब साढ़े तीन किलोमीटर तक है। इसके चारों ओर केडीबी प्रशासन की ओर से पेयजल के लिए वाटर कूलर की व्यवस्था करनी चाहिए।
अंकुर भारद्वाज, तीर्थ पुरोहित
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लाखों रुपये के वाटर कूलर भी नहीं संभल रहे
कुछ दानी लोगों द्वारा ब्रह्मसरोवर व सन्निहित सरोवर पर पेयजल के ठंडे वाटर कूलर लगवाए गए हैं, जबकि यही वाटर कूलर अगर केडीबी प्रशासन लगाता तो लाखों रुपये खर्च करने पड़ते ऐसे में जो व्यवस्था समाज के लोगों द्वारा कर दी गई उसे संभालने का जिम्मा केडीबी प्रशासन का है। प्रशासन को चाहिए कि इन वाटर कूलरों की देखरेख करे, जिससे पर्यटकों को पेयजल उपलब्ध हो सके।
अजय ¨सह, श्रद्धालु
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जल्द कराया जाएगा ठीक
ब्रह्मसरोवर पर वाटर कूलरों की रिपेयर कराई गई थी। केडीबी कार्यालय के नजदीक वाटर कूलर उतारने का मामला उनकी जानकारी में नहीं है। पूर्वी दिशा में पानी की व्यवस्था को दुरुस्त कराया जाएगा। अभी दो दिन की छुट्टी है, इसके बाद आकर वे स्वयं आकर वाटर कूलरों की जांच करेंगे। जहां व्यवस्था ठीक नहीं हैं, उसे दुरुस्त कराया जाएगा।
अशोक सुखीजा, मानद सचिव, केडीबी।