सड़क किनारे दवा भी उगती है, हमें ही पहचान नहीं
ह्यद्गष्ह्मद्गह्लह्य श्रद्घ 2द्गद्गस्त्र द्वद्गस्त्रद्बष्द्बठ्ठद्गह्य
विनीश गौड़, कुरुक्षेत्र
घर के आसपास खाली जगह पर उगने वाली वनस्पति स्वास्थ्य को बेहतर बना सकती है। भृंगराज, पुनर्नवा, अम्लताश, अपामार्ग जैसे औषधीय पेड़ व पौधे हैं, जो आपको अपनी गली और सड़क के किनारे आसानी से मिल सकते हैं। गंभीर और सामान्य बीमारियों में इनसे उपचार संभव है। ज्यादातर लोग इनमें छिपे रहस्यों को नहीं जानते। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में आयुष विभाग इन्हीं रहस्यों को लेकर लोगों के बीच पहुंचा है।
लोग घरों के आसपास अपने आप पनपने वाली इन औषधियों के बारे में जानकर बेहद ही अचंभित हो रहे हैं। उन्हें पता ही नहीं होता कि उनके खाली प्लाट, नाली के ऊपर और सड़क किनारे खड़ी खरपतवार व पेड़ पौधों से उपचार संभव है। मथाना में होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. स्मृति, योगा स्पेशलिस्ट मनजीत और आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. महिपाल ने मरीजों को दवा दी और योगासन करके दिखाया।
सेक्टर चार स्थित स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रेमचंद ने बताया कि जहां पानी एकत्र रहता है, वहां भृंगराज मिल जाती है। लोगों ने भृंगराज ऑयल के बारे में बहुत सुना हुआ है कि उसका तेल सिर पर लगाने से बाल घने, काले और लंबे होते हैं। बाल झड़ने की समस्या को यह तेल हर लेता है। मगर ये नहीं पता कि यह जड़ी आम तौर पर सड़कों क किनारे मिल जाती है, जिसका प्रयोग वे सिर के साथ-साथ सिर के दर्द में, एरंड तेल में मिलाकर पेट के कीड़ों के लिए, यकृत रोगों में शहर के साथ, कान में दर्द होने की स्थिति में कान में डालने, बवासीर में इसका रस पीने व चूर्ण का सेवन करने से रोग ठीक कर सकते हैं। इसके अलावा पुनर्नवा घर के आसपास नालियों के ऊपर मिल जाती है, जिसका प्रयोग सोजिस में, खून की कमी को दूर करने में, गुर्दे व पथरी में काढ़ा बनाकर पीने से ठीक कर सकता है।
अम्लतास के पेड़, जिस पर पीले रंग के पेड़ आते हैं कब्ज की समस्या में यह बेहतरीन औषधि है। अपामार्ग कफ रोगों में अति उपयोगी है। डॉ. प्रेमचंद ने बताया कि यह औषधियां ऐसी हैं कि हर आम व्यक्ति की पहुंच में होती है। ज्यादातर लोगों को इनके नाम भी पता होते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता कि वे कैसी दिखती हैं। लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए फोटो के साथ इनके गुणों को प्रकाशित किया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इनके आयुर्वेदिक गुणों का लाभ उठा सके।