तनाव से मुक्ति का मार्ग है योग और ध्यान
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : आज आदमी तनाव, गुस्से तथा भाव से भटक कर कई ऐसा कुछ कर बैठता है, जो उसे नहीं करना चाहिए।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : आज आदमी तनाव, गुस्से तथा भाव से भटक कर कई ऐसा कुछ कर बैठता है, जो उसे नहीं करना चाहिए। यही कारण है कि आदमी सोच और तनाव में डूबा रहता है। इन से मुक्ति का मार्ग है योग और ध्यान। यह कहना है कुरुक्षेत्र जेल में ध्यान और योग शिविर का आयोजन करने आये प्रशिक्षक नरेंद्र ¨सह आनंद का। उनके साथ सहयोगी के तौर पर श्वेता भी मौजूद थी। दोनों ने कुरुक्षेत्र जेल में बंदियों को ध्यान और योग शिविर के माध्यम से प्रयास किया कि किस प्रकार मन को मेडिटेशन के रिमोट से कंट्रोल किया जा सकता है। उन्होंने इस मौके पर एकत्रित बंदियों को सबसे पहले बताया कि योग तथा ध्यान को अनुभव करें और उसके बाद उनसे विभिन्न कियाएं करवाई। उन्होंने कहा कि ड्रग्स और शराब के नशे में लोग मार्ग भटक रहे हैं। सभी रास्ता भटक चुके लोगों वापस लाने का मार्ग योग और ध्यान के माध्यम से बताया जा रहा है। नरेंद्र आनंद ने बताया कि वे स्कूल और कालेजों में जाकर भी इस अभियान को चला रहे हैं। उन्होंने अपने तथा श्वेता के बारे में बताया कि दोनों ही सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और अमेरिका में 12- 13 साल रहने के बाद माता अमृतानंदमयी की प्रेरणा से भारत में वापस आए हैं कि उन्हें अपने देश को भी कुछ लौटाना है। इसी लिए अब केरल के अमृतानंदमयी मठ द्वारा संचालित इंटीग्रेटिड अमृता मेडिटेशन के लिए यह अभियान चला रहे हैं। कुरुक्षेत्र जेल अधीक्षक डॉ. संजय ¨सह ने नरेंद्र आनंद तथा श्वेता का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे दूसरी बार कुरुक्षेत्र जेल में शिविर आयोजित करने के लिए आये हैं।