पवित्र मन से किया गया नाम सिमरन ही अचूक माध्यम : बाबा सुरेंद्र सिंह
डेरा गुरुद्वारा मंढोखरा साहिब पातशाही नौंवी में गुरुनानक देव महाराज का 550वां प्रकाशोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर रागी एव ढाड़ी जत्थों ने शबद कीर्तन से संगत को निहाल किया। डेरा गुरुद्वारा मंढोखरा साहिब के बाबा सुरेंद्र सिंह ने कहा कि गुरुनानक देव महाराज मानवता के विराट सागर थे जिन्होंने मनुष्य को मानवता का पाठ पढ़ा कर उसे संपूर्ण मनुष्यता तक पहुंचाने का मार्ग बताया था।
संवाद सहयोगी, बाबैन : डेरा गुरुद्वारा मंढोखरा साहिब पातशाही नौंवी में गुरुनानक देव महाराज का 550वां प्रकाशोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर रागी एव ढाड़ी जत्थों ने शबद कीर्तन से संगत को निहाल किया। डेरा गुरुद्वारा मंढोखरा साहिब के बाबा सुरेंद्र सिंह ने कहा कि गुरुनानक देव महाराज मानवता के विराट सागर थे, जिन्होंने मनुष्य को मानवता का पाठ पढ़ा कर उसे संपूर्ण मनुष्यता तक पहुंचाने का मार्ग बताया था। बाबा सुरेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें गुरबाणी, शबद और नाम सिमरन कर पाखंड व अंध विश्वास के मक्कड़ जाल से दूर रहना चाहिए। व्यक्ति को संसारिक यात्रा से मुक्ति दिलाने में सच्चे व पवित्र मन से किया गया नाम सिमरन ही अचूक माध्यम है। गुरबाणी, शबद और नाम सिमरन तीनों ही अमृत हैं और इन तीनों से मानव को आत्मिक जीवन व शांति मिलती है। नाम सिमरन रुपी अमृत से जीव के सभी कष्ट दूर होते हैं और यही संदेश श्री गुरु नानक देव जी महाराज ने देश-दुनिया को दिया था। उन्होंने कहा कि सिख मर्यादा एक ऐसा कवच है जो अहम, काम, क्रोध, निजी स्वार्थ और नशे से हमें बचाता है, इसलिए हर सिख को मर्यादा में रह कर जीवन यापन करना चाहिए। बाबा सुरेंद्र सिंह ने गुरुद्वारा साहिब में आए गणमान्य व्यक्तियों व सेवादारों को सिरोपे भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्य सेवादार गुरदीप सिंह, गुरतेज सेंखों, बलकार सिंह रावा, बलबीर सिंह, शिवदयाल सिंह, बुटा सिंह, अवतार सिंह व गुरकीरत सिंह मौजू रहे।