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भगवान की कथा सुनने से मन होता है पवित्र: आचार्य रजनीश

संवाद सहयोगी, लाडवा : लाडवा के बाबा बंसी वाला वृद्धाश्रम में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का रविवार

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Mar 2017 06:23 PM (IST)Updated: Sun, 12 Mar 2017 06:23 PM (IST)
भगवान की कथा सुनने से मन होता है पवित्र: आचार्य रजनीश

संवाद सहयोगी, लाडवा : लाडवा के बाबा बंसी वाला वृद्धाश्रम में श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का रविवार को अंतिम सत्र की कथा के बाद समापन हो गया। अंतिम दिन कथा के बाद हवन किया गया और श्रीमछ्वागवत के साथ खेड़ा मंदिर तक परिक्रमा की गई व भंडारा आयोजित किया गया। अंतिम दिन कथा करते हुए आचार्य रजनीश ने सुदामा चरित्र, शिशुपाल वध, श्रीकृष्ण का स्वधाम गमन व महाराज परीक्षित को मोक्ष जैसी दिव्य लीलाओं का विस्तार से वर्णन किया। कथा में कृष्ण-सुदामा मिलन की सखा प्रेम क ी कथा सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए। रविवार को व्यासपीठ से आचार्य रजनीश ने कहा कि भगवान की कोई भी कथा कभी समाप्त नही होती बल्कि कथा विश्राम लेती है और फिर शुरू होती है। कथा की धारा अविरल बहती रहती है। श्रीमछ्वागवत कथा सुनने से मन पवित्र होता है। मन के पवित्र होने से चरित्र प्रवित्र होता है जिससे जीवन भी पवित्र बन जाता है। आचार्य रजनीश ने कहा कि मनुष्य योनि में जन्म लेकर व्यक्ति को सदा धर्माचरण करना चाहिए क्योकि धर्म के आचरण से ही व्यक्ति अर्थ, काम व मोक्ष को प्राप्त होता है। कथा के समापन पर विधायक डॉ. पवन सैनी, खंड पंचायत विकास अधिकारी कंवरभान नरवाल, पूर्व नपा प्रधान नरेंद्र ¨सघल, बलबीर ¨सह, अमित बतरा ने श्रीमद् भागवत जी व भगवान कृष्ण की आरती की व बाबा बंसी वाले का आशीर्वाद लिया। कथा के समापन पर भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भागवत कथा का रसपान किया।


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