कहीं आचार संहिता के फेर में ना फंस जाए अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव
प्रदेश में बने विधानसभा चुनावों के माहौल को देखते हुए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड को आचार संहिता का डर सता रहा है। इसी आचार संहिता के फेर से बचने के लिए केडीबी ने नवंबर माह के अंत में आयोजित किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के ज्यादातर टेंडर जारी कर दिए हैं।
विनोद चौधरी, कुरुक्षेत्र: प्रदेश में बने विधानसभा चुनावों के माहौल को देखते हुए कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड को आचार संहिता का डर सता रहा है। इसी आचार संहिता के फेर से बचने के लिए केडीबी ने नवंबर माह के अंत में आयोजित किए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के ज्यादातर टेंडर जारी कर दिए हैं। महोत्सव के दौरान क्राफ्ट मेले का आयोजन 23 नंवबर से 10 दिसंबर तक किया जाना है, जबकि तीन से आठ दिसंबर तक गीता जयंती महोत्सव का आयोजन होगा। प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल अक्टूबर माह में पूरा हो रहा है। ऐसे में किसी भी समय आचार संहिता लग सकती है। इसी को देखते हुए केडीबी की ओर से यह योजना बनाई गई है। महोत्सव के लिए लगभग 10 से 15 करोड़ रुपये तक के टेंडर जारी किए जाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव प्रदेश सरकार के लिए एक बड़ा आयोजन है। इस महोत्सव में हर बार किसी भी एक देश को पार्टनर देश और अन्य स्टेट कोपार्टनर स्टेट के रूप में चुना जाता है। महोत्सव में 30 लाख से भी अधिक पर्यटकों की शिरकत के चलते कई तरह के बड़े प्रबंध भी करने पड़ते हैं। केवल लाखों पयर्टक ही नहीं अन्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ केंद्र सरकार की ओर से वीवीआइपी का भी महोत्सव में आना जाना रहता है। ऐसे में महोत्सव को खास बनाने के लिए कई तरह की खास तैयारियां की जाती हैं। दो करोड़ के लगभग का टैंट और लगभग इतनी ही रकम का होता है मल्टी मीडिया शो
इस महोत्सव के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर के कलाकारों के कार्यक्रमों के लिए दो करोड़ रुपये के लगभग का टैंट लगवाने के लिए टेंडर जारी किया जाता है। इसके साथ ही ब्रह्मसरोवर के पानी पर लगाए जाने वाले अस्थाई मल्टी मीडिया लेजर शो के लिए भी लगभग दो करोड़ रुपये का ही टेंडर निकलता है। इसके साथ-साथ ब्रह्मसरोवर की साज-सज्जा और लाइटिग के लिए भी बड़े टेंडर जारी किए जाते हैं। महोत्सव के लिए हर साल लगभग 10 से 15 करोड़ रुपये के टेंडर जारी किए जाते हैं।