सामाजिक व्यवस्था सबसे बड़ी व्यवस्था: बलदेव राज महाजन
जासं, कुरुक्षेत्र: हरियाणा के महाधिवक्ता बलदेवराज महाजन ने कहा कि रत्नावली जैसे सांस्कृतिक महोत्सव देश, समाज व लोगों को जोडऩे का काम करते हैं। ऐसे उत्सव लोक संस्कृति से जुडऩे का अवसर होते हैं। युवाओं को ऐसे उत्सवों में बढ़चढकर प्रतिभागिता करनी चाहिए।
जासं, कुरुक्षेत्र: हरियाणा के महाधिवक्ता बलदेवराज महाजन ने कहा कि रत्नावली जैसे सांस्कृतिक महोत्सव देश, समाज व लोगों को जोडऩे का काम करते हैं। ऐसे उत्सव लोक संस्कृति से जुडऩे का अवसर होते हैं। युवाओं को ऐसे उत्सवों में बढ़चढकर प्रतिभागिता करनी चाहिए। वे रविवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग की ओर से आयोजित रत्नावली महोत्सव के तीसरे दिन बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा की संस्कृति देश व विदेश में सबसे समृद्ध संस्कृति है। यहां की संस्कृति आपसी भाईचारे व एकता का संदेश देती है। यही कारण है कि इस प्रदेश की सामाजिक व्यवस्था सबसे बड़ी व समृद्ध व्यवस्था है। उनके साथ एडिशनल एडवोकेट जनरल देवेंद्र सैनी, एडीजे डॉ. सुशील गर्ग उपस्थित थे। बलदेव राज महाजन ने कहा कि हरियाणा की संस्कृति में सबसे खास बात यह है कि यहां पर छोटे से लेकर बड़े मामले चौपालों में बड़े साधारण ढंग से निपटा दिए जाते हैं। यह फैसले सभी को मान्य भी होते हैं। खासतौर पर जो मंच पर चौपाल विधा की प्रस्तुति हुई है उसने जिस ढंग से सामाजिक व्यवस्था को दिखाया है। वह व्यवस्था वास्तव में सही व्यवस्था है जो कि सामाजिक ताने-बाने को जोड़े रखने का काम करती हैं। आज जरूरत है कि इस तरह की व्यवस्था को बढ़ाया जाए क्योंकि यह आपसी भाईचारे को बढ़ावा देती है। अदालतों में छोटा मामला भी बड़ा हो जाता है और फैसला आने में भी कई साल लग जाते हैं।
इस अवसर पर उनके साथ आए एडीजे डॉ. सुशील गर्ग ने कहा कि उनके लिए गर्व की बात है कि आज वह मंच पर यहां अपने विचार सांझा कर रहे हैं क्योंकि वे इसी विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं।