शिक्षक को शिक्षा के उद्देश्यों का ज्ञान होना जरूरी: कुलपति
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य विद्याíथयों को नया ज्ञान ग्रहण करने तथा उसका प्रचार-प्रसार करने के लिए सशक्त करना होना चाहिए। एक अच्छे शिक्षक को शिक्षा के उद्देश्यों को ज्ञान होना जरूरी है।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र: कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.कैलाश चंद्र शर्मा ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य विद्याíथयों को नया ज्ञान ग्रहण करने तथा उसका प्रचार-प्रसार करने के लिए सशक्त करना होना चाहिए। एक अच्छे शिक्षक को शिक्षा के उद्देश्यों को ज्ञान होना जरूरी है। आज के बदलते परिवेश में आवश्यकता इस बात की है कि हम नौकरी पैदा करने वाले बने न कि सिर्फ नौकरी मांगने वाले। वे सोमवार को मानव संसाधन विकास केंद्र की ओर से दो कोर्सों के आयोजन का उद्घाटन कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कोर्सों का उद्देश्य सिर्फ करियर एडवांसमेंट नहीं, बल्कि ज्ञान का विस्तार वाला होना चाहिए। आज शिक्षण में मानवीय मूल्यों तथा नैतिकता पर भी बल दिया जाना चाहिए ताकि हम अपने ज्ञान का सदुपयोग कर सकें। विश्वविद्यालय अपने विद्याíथयों के सर्वांगीण विकास के लिए कटिबद्ध है। दोनों कोर्सों के संयुक्त उद्घाटन सत्र के आरम्भ में मानव संसाधन विकास केंद्र की निदेशिका प्रो. नीरा वर्मा ने इसके उद्देश्यों और कार्यक्रमों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह राज्य का सबसे पुराना केंद्र है। इस केंद्र द्वारा अब तक लगभग 314 कोर्सों का आयोजन किया जा चुका है।
उच्चतर शिक्षा में महिला प्रबंधकों की क्षमता निर्माण पर छह दिवसीय शॉर्ट टर्म कोर्स की संयोजिका व महिला अध्ययन केन्द्र की निदेशिका प्रो. सुदेश ने बताया कि उच्चतर शिक्षा में नीति निर्माण तथा अन्य उच्च पदों पर दृष्टिपात करें तो महिलाओं की संख्या बहुत कम दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि इस कोर्स के माध्यम से महिला प्रवक्ताओं में नेतृत्व के गुणों का विकास करके उनकों आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। वहीं दूसरे कोर्स के समन्वयक प्रो. एलके गौड़ ने भारतीय भाषाओं पर रिफ्रेशर कोर्स की उपयोगिता पर अपने विचार रखे।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. वन्दना दवे ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्राच्य विद्या विभाग की अधिष्ठाता प्रो. शुचिस्मिता शर्मा, डीन अकेडमिक अफेयर प्रो. मंजुला चौधरी व चीफ वार्डन प्रो. मंजूषा शर्मा उपस्थित रही।