सत्संग में शामिल होने से मनुष्य के मन में पैदा होते सद्भाव : स्वामी शक्तिदेव
जय ओंकार अंतरराष्ट्रीय सेवाश्रम संघ के संस्थापक स्वामी शक्तिदेव महाराज ने कहा कि प्रत्येक जीव को सत्संग में आना चाहिए। इससे जीव के मन में सद्भाव पैदा होते हैं और व्यक्ति कभी घमंड में नहीं आता।
जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जय ओंकार अंतरराष्ट्रीय सेवाश्रम संघ के संस्थापक स्वामी शक्तिदेव महाराज ने कहा कि प्रत्येक जीव को सत्संग में आना चाहिए। इससे जीव के मन में सद्भाव पैदा होते हैं और व्यक्ति कभी घमंड में नहीं आता। हमें जीवन की सफलता के लिए गुरु की शरण में लगना चाहिए। गुरु के सान्निध्य में ही हमें ईश्वर की प्राप्ति होती है। गुरु और संत हमेशा सेवा की भावना से कार्य करने के लिए प्रेरित करते। निस्वार्थ भाव से की गई सेवा हमेशा विशेष फल देने वाली होती है। वे भगवान श्री ब्रह्मा मंदिर में रविवार को साप्ताहिक सत्संग में प्रवचन कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि गुरु की वाणी शिष्य के लिए अनमोल होती है, प्रत्येक जीव को गुरु की वाणी का पालन करना चाहिए। परमात्मा कण-कण में विराजमान है, हमें कभी भी उसकी वाणी का अपमान नहीं करना चाहिए। जब व्यक्ति एक पर भरोसा रखकर कार्य करता है, तो उसे सफलता जरूर मिलती है। इस दौरान जय ओंकार महिला संकीर्तन मंडल की सेविकाओं ने गुरु की महिमा का बखान किया। उनके भजन सतगुरु वे प्यारेयां, तारण हारयां जिद वारा व सोना मंदिर मेरे सतगुरु दा, नाम जप लो, खुशियां दा घर आ पर श्रद्धालु जमकर झूमे। सत्संग में क्षेत्र के अलावा दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। मंच संचालन गुलशन शर्मा ने किया।
इस अवसर संघ संचालक पंडित शिवनारायण दीक्षित, जयनारायण दीक्षित, एडवोकेट राजेश दहिया, संजय मिड्डा आदि मौजूद रहे।